मध्यप्रदेश में अब होगी एकीकृत भर्ती परीक्षा: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दी युवाओं और कर्मचारियों को बड़ी सौगात
भोपाल। मध्यप्रदेश के युवाओं और सरकारी कर्मचारियों के लिए मंगलवार का दिन बेहद खास रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल में आयोजित राज्य कर्मचारी संघ के दीपावली मिलन समारोह के दौरान कई अहम घोषणाएं कीं। इस मौके पर उन्होंने राज्य में सभी सरकारी भर्तियों के लिए एक समान परीक्षा प्रणाली लागू करने का ऐतिहासिक ऐलान किया।
UPSC की तर्ज पर होगी नई परीक्षा प्रणाली
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि अब मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए अलग-अलग विभागों की अलग परीक्षाओं की जगह एकीकृत परीक्षा प्रणाली लागू की जाएगी, जो UPSC मॉडल पर आधारित होगी। इससे न केवल भर्ती प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी जल्द मिल सकेंगे।
उन्होंने बताया कि अभी तक विभागवार परीक्षाएं होने के कारण उम्मीदवारों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। नई व्यवस्था से समय और संसाधनों दोनों की बचत होगी तथा चयन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी।
पुलिस विभाग में तीन साल में पूरी होंगी 20 हजार से अधिक भर्तियां
डॉ. यादव ने कार्यक्रम में बताया कि प्रदेश पुलिस विभाग में वर्तमान में 20 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। इन सभी पदों को अगले तीन वर्षों के भीतर भरने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है।
साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि विभिन्न संवर्गों में वेतन विसंगतियों और ग्रेड पे में अंतर को दूर करने के लिए एक कर्मचारी आयोग बनाया जाएगा। इस आयोग की अध्यक्षता एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी करेंगे, जो इस विषय पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
प्रमोशन, भत्ते और सरकारी सुविधाओं पर राहत
कार्यक्रम के दौरान डॉ. यादव ने कर्मचारियों की लंबित मांगों पर बात करते हुए कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों को समय पर प्रमोशन मिलना चाहिए, और इस दिशा में कार्य लगभग अंतिम चरण में है।
महंगाई भत्ते (DA) पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र के समान भत्ता देने के लिए प्रतिबद्ध है। अक्टूबर तक पांच समान किस्तों में एरियर का भुगतान पूरा कर लिया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी आवासों की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है, ताकि कर्मचारियों को रहने में सुविधा मिले।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के लिए सरकार ने जीवन ज्योति बीमा योजना लागू की है, जिससे उन्हें सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही इन पदों पर 19,504 नई नियुक्तियां भी की जा रही हैं।
2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए नई पेंशन व्यवस्था
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि 1 जनवरी 2005 या उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए नई पेंशन प्रणाली (NPS) से जुड़ी समस्याओं के समाधान हेतु एक विशेष समिति गठित की गई है। यह समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर सरकार आवश्यक निर्णय लेगी।
नौ साल बाद कर्मचारियों को मिला लंबित हाउस रेंट अलाउंस
डॉ. यादव ने गर्व से बताया कि कर्मचारियों का हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जो पिछले नौ सालों से लंबित था, उनकी सरकार ने उसे मंजूरी देकर पूरा किया है। उन्होंने कहा कि “कर्मचारियों के चेहरों की मुस्कान ही हमारी असली ताकत है। वही लोग हैं जो सरकार की योजनाओं को ज़मीन पर उतारते हैं।
कर्मचारियों ने सौंपी अपनी मांगें
समारोह के दौरान राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को एक मांग पत्र सौंपा। इसमें कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु समान करने, महंगाई भत्ता बढ़ाने, और शिक्षकों की वरिष्ठता नियुक्ति तिथि से तय करने जैसी प्रमुख मांगें शामिल थीं।
इस समारोह में मुख्यमंत्री की घोषणाओं ने न केवल कर्मचारियों बल्कि पूरे राज्य के युवाओं में नई उम्मीदें जगाई हैं। एकीकृत परीक्षा प्रणाली और लंबित मांगों पर उठाए जा रहे ठोस कदमों से यह स्पष्ट है कि सरकार रोजगार और प्रशासनिक सुधार दोनों को प्राथमिकता दे रही है।

