होम मध्यप्रदेश सागर / बुंदेलखंड राजनीति अपराध / क्राइम रिपोर्ट धर्म/अध्यात्म सोशल भारत स्पोर्ट्स खाकी

मध्यप्रदेश में एनसीबी की बड़ी कार्रवाई: अवैध ड्रग लैब का भंडाफोड़, 3.44 करोड़ की अल्प्राजोलम पाउडर जब्त

मध्यप्रदेश में एनसीबी की बड़ी कार्रवाई: अवैध ड्रग लैब का भंडाफोड़, 3.44 करोड़ की अल्प्राजोलम पाउडर जब्त इंदौर। नशे के खिलाफ चल ...

विज्ञापन
Photo of author

Gajendra Thakur

Post date

Published on:

| खबर का असर

मध्यप्रदेश में एनसीबी की बड़ी कार्रवाई: अवैध ड्रग लैब का भंडाफोड़, 3.44 करोड़ की अल्प्राजोलम पाउडर जब्त

इंदौर। नशे के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने शनिवार को एक बड़ी सफलता हासिल की। एजेंसी ने रतलाम जिले के ग्राम सजेवता (मऊ-नीमच रोड) पर चल रही एक गुप्त प्रयोगशाला पर छापा मारकर अवैध नशीले पदार्थ के निर्माण का खुलासा किया।
इस कार्रवाई में दो संचालकों — रूपसिंह चौहान और अभिजीत सिंह चौहान — को गिरफ्तार किया गया है। एनसीबी ने मौके से करीब 13.762 किलोग्राम अल्प्राजोलम पाउडर जब्त किया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 3 करोड़ 44 लाख रुपये बताई जा रही है।

RNVLive

कैसे हुआ खुलासा

एनसीबी के जोनल निदेशक रीतेश रंजन ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई। टीम ने जब मऊ-नीमच मार्ग स्थित लैब पर छापा मारा, तो वहां अवैध रूप से अल्प्राजोलम पाउडर तैयार किया जा रहा था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपी बड़ी मात्रा में यह नशीला पदार्थ विभिन्न राज्यों में सप्लाई करते थे।

RNVLive

केंद्रीय सरकार ने अल्प्राजोलम को एनडीपीएस एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) के तहत नियंत्रित दवाओं की सूची में शामिल किया है। हालांकि यह दवा मेडिकल उपयोग के लिए निर्धारित है, लेकिन अपराधी नेटवर्क इसका इस्तेमाल नशे और मनोरंजन के उद्देश्य से कर रहे हैं।

तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और राजस्थान तक फैला नेटवर्क

जोनल निदेशक ने बताया कि इस पाउडर की सबसे अधिक मांग दक्षिण भारत के राज्यों — तेलंगाना, आंध्र प्रदेश — और उत्तर भारत के राजस्थान में है। मुनाफा बढ़ाने के लिए ड्रग्स माफिया इसे एमडी, हेरोइन और अफीम जैसे नशीले पदार्थों में मिलाकर बेचते हैं।
एनसीबी ने लैब से बरामद सभी रासायनिक सामग्री और उपकरण जब्त कर लिए हैं और प्रयोगशाला को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है।

उच्च शिक्षित हैं दोनों आरोपी

इस कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की शैक्षणिक पृष्ठभूमि चौंकाने वाली है।

रूपसिंह चौहान ने इंदौर के श्री वैष्णव इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज से बीटेक की डिग्री हासिल की है। वह पहले विल्सन फार्मा (धार) और श्रीधारा लाइफ साइंसेज (रुड़की) जैसी कंपनियों में फार्मास्युटिकल सेक्टर में काम कर चुका है।
तेलंगाना पुलिस ने वर्ष 2021 में भी उसे अल्प्राजोलम की अवैध सप्लाई के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके तहत उस पर पहले से एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज है।

अभिजीत सिंह चौहान ने ऋषिराज कॉलेज ऑफ फार्मेसी, इंदौर से बी.फार्मा किया है और वह इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी से भी जुड़ा रह चुका है।

एनसीबी अधिकारियों के अनुसार, दोनों ने मिलकर यह अवैध लैब तैयार की थी, जहां बड़े पैमाने पर नशीला पाउडर तैयार करने की पूरी व्यवस्था मौजूद थी। छापे के दौरान एजेंसी को ड्रग निर्माण में उपयोग होने वाले रासायनिक पदार्थ और उपकरणों की भारी मात्रा में बरामदगी हुई है।

एनसीबी की चेतावनी

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि पूरे सप्लाई नेटवर्क का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
एनसीबी ने युवाओं से अपील की है कि वे नशीले पदार्थों से दूर रहें और यदि कहीं इस तरह की अवैध गतिविधियों की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस या एनसीबी को सूचित करें।

Total Visitors

6187651