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नौरादेही में छलांग लगाएंगे नामीबियाई चीते, मध्य प्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व में तैयारियां शुरू

नौरादेही में छलांग लगाएंगे नामीबियाई चीते, मध्य प्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व में तैयारियां शुरू सागर। मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर ...

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Gajendra Thakur

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नौरादेही में छलांग लगाएंगे नामीबियाई चीते, मध्य प्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व में तैयारियां शुरू
सागर। मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व, तीन जिलों में फैला है. विशाल जंगल, बड़े-बड़े घास के मैदान, भोजन के लिए पर्याप्त शाकाहारी जानवर यहां की पहचान है. उस वीरांगना रानी दुर्गावती (नौरादेही) टाइगर रिजर्व को अब चीतों के तीसरे घर के रूप में भी जाना जाएगा. चीता प्रोजेक्ट की कमान संभाल रही नोडल एजेंसी एनटीसीए से हरी झंडी मिलने के बाद नौरादेही टाइगर रिजर्व ने नए मेहमानों के स्वागत के लिए तैयारियां तेज कर दी है।
डिप्टी डायरेक्टर ने दी जानकारी 
मई माह में विशेषज्ञों के दल के दौरे के बाद दिए गए निर्देशों के आधार पर नौरादेही टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने चीतों को बसाने के लिए किए जाने वाले कामों के प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेज दिए हैं. विशेषज्ञों के दल ने 3 दिनों तक टाइगर रिजर्व का दौरा करने के बाद चीतों को बसाने कुछ महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश टाइगर रिजर्व को जारी किए थे. उसी कड़ी में टाइगर रिजर्व ने तैयारियां तेज कर दी है. नौरादेही में 2026 में चीतों को बसाने की तैयारी चल रही है।
2010 में जब अभ्यारण्य था नौरादेही, तभी हो गया था चयन
जहां तक नौरादेही टाइगर रिजर्व में चीतों को बसाने की बात की जाए, तो 2010 में जब अफ्रीकन चीतों को भारत लाए जाने का फैसला किया गया था. तब मध्य प्रदेश के सबसे बड़े वन्य जीव अभ्यारण्य के रूप में जाने जाने वाले नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य का सर्वे किया गया था. तभी तय हो गया था कि भविष्य में जब अफ्रीकन चीतों को भारत लाया जाएगा, तो उन्हें नौरादेही में भी बसाया जाएगा. इसी बात को ध्यान में रखते हुए नौरादेही को पहले राष्ट्रीय बाघ संरक्षण योजना में शामिल किया गया।
फिर 2019 में नौरादेही में बाघ किशन और बाघिन राधा को छोड़ा गया. बाघ और बाघिन की आमद के बाद इधर बाघों की संख्या बढ़ने लगी. अक्टूबर 2022 में नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा दे दिया गया. फिलहाल यहां पर बाघों की संख्या 23 पहुंच चुकी है और दूसरे वन्यप्राणियों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. भविष्य की पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए यहां सुविधाएं विकसित की जा रही हैं और अब चीतों के तीसरे घर के रूप में पहचान दिए जाने की तैयारियां तेज हो गई है।
नौरादेही टाइगर रिजर्व में ऐसा क्या है खास
चीतों के तीसरे घर के रूप में पहचान बनने के लिए आतुर नौरादेही टाइगर रिजर्व की बात करें, तो ये मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है. ये इतना विशाल है कि सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों तक फैला हुआ है. इसका क्षेत्रफल 2339 वर्ग किलोमीटर है और इसका कोर एरिया 1414 वर्ग किलोमीटर है. इसका बफर एरिया 925.12 वर्ग किलोमीटर है. इसलिए लंबी-लंबी छलांग लगाने वाले चीतों के लिए ये इलाका काफी मुफीद माना जा रहा है।
यहां पर बड़े-बड़े घास के मैदान हैं और अब चीतों को बसाने और भी ज्यादा घास के मैदान विकसित किया जा रहे हैं. यहां चीतों के आहार के लिए पर्याप्त संख्या में शाकाहारी जानवर मौजूद हैं. नौरादेही टाइगर रिजर्व से दो बड़ी नदियां बामनेर और व्यारमा है. इसके अलावा छोटे और बड़े करीब 6 तालाब हैं. चीता प्रोजेक्ट के विशेषज्ञों द्वारा जल स्रोत बढ़ाने और घास के मैदान विकसित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
विशेषज्ञों की टीम ने चीता बसाने दिए थे सुझाव
नौरादेही टाइगर रिजर्व में चीतों को बसाने के लिए इसी साल मई माह में विशेषज्ञों का दल आया था. जिसने लगातार तीन दिनों तक टाइगर रिजर्व का भ्रमण करने के बाद टाइगर रिजर्व प्रबंधन को चीतों को बसाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे और उन पर काम करने के लिए कहा था. विशेषज्ञों ने चीतों के लिए बाड़ा बनाने के निर्देश दिए थे. इसके अलावा दमोह जिले के तरफ कुछ इलाकों में मानव और चीतों के बीच द्वंद्व की आशंका के चलते फेंसिंग लगाने के निर्देश दिए थे।
विशेषज्ञों के दल ने टाइगर रिजर्व में विकसित किए गए घास के मैदान पर संतुष्टि जताई थी, लेकिन चीतों के रहवास और आहार की दृष्टि से और ज्यादा घास के मैदान विकसित करने के लिए कहा था. वहीं विशेषज्ञों ने कुछ इलाकों को चिन्हित कर वहां जल स्रोत विकसित करने के लिए भी कहा था।
नौरादेही टाइगर रिजर्व ने भेजे प्रस्ताव
नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. एए अंसारी का कहना है कि “जब यही टाइगर रिजर्व नौरादेही वन्य जीव अभ्यारण्य हुआ करता था. तब ही 2010 में इसका चीते के तीसरे घर के रूप में चयन किया गया था. उसके तारतम्य में हमने चीता प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी एनटीसीए को प्रस्ताव भेजे हैं. वहां से हमे जैसे निर्देश आएंगे, उसके अनुसार काम शुरू कर दिया जाएगा. संभावना है कि 2026 में नौरादेही टाइगर रिजर्व में चीते आएंगे।

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