होम मध्यप्रदेश सागर / बुंदेलखंड राजनीति अपराध / क्राइम रिपोर्ट धर्म/अध्यात्म सोशल भारत स्पोर्ट्स खाकी

सागर में दशहरे पर हुई गीत, लोकगीतों और नृत्यों की भव्य प्रस्तुतियां

दशहरे पर हुई गीत, लोकगीतों और नृत्यों की प्रस्तुतियां सागर सहित विभिन्न शहरों से पधारे कलाकार, भाजपा नेता सुशील साहू का लगातार ...

विज्ञापन
Photo of author

Gajendra singh

Post date

Published on:

| खबर का असर

दशहरे पर हुई गीत, लोकगीतों और नृत्यों की प्रस्तुतियां

सागर सहित विभिन्न शहरों से पधारे कलाकार, भाजपा नेता सुशील साहू का लगातार तेरहवें (13) वर्ष आयोजन

RNVLive

सागर। मेरी मैया की गुलामी मेरे काम आ रही है इसी तरह “लंबी डगरिया ऊंची है पहड़ियां माता रानी की बड़ी दूर है नगरिया” बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध लोकगीत सम्राट रामकुमार प्रजापति, श्रीमति गीता राज लोकगीतों को सुनकर हजारों की संख्या में उपस्थित दर्शक समूह ने खूब तालियां बजाते हुए मातारानी के जयकारे लगाए। इसके अलावा कार्यक्रम में फिल्मी गानों भजनों आर्केस्ट्रा और लोकनृत्यों राई का भी दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया। गायक रामकुमार प्रजापति ने स्व. श्री देशराज जी पटैरिया का गाया हुआ लोकगीत “चली गोरी मेला खों साईकल पे बैठ कैं” गाया जिसमें पर जनता झूम उठी।

उल्लेखनीय है कि 2 अक्टूबर गुरूवार को दशहरा के दौरान एक ओर जहां कटरा क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमाओं का चल समारोह निकाला जा रहा था वहीं कटरा नमक मंडी में दशहरा पर्व पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नगर महामंत्री सुशील साहू द्वारा आयोजित तेरहवें वर्ष के कार्यक्रम में हजारों की संख्या में उपस्थित दर्शक समूह शाम होने के साथ ही प्रस्तुतियों का आनंद लेने पहुंच चुका था। कार्यक्रम में पधारे बुन्देलखंड के जाने-माने लोकगीत सम्राट महिपाल सिंह और मीरा ठाकुर ने मातारानी के और भी कई भजन प्रस्तुत किए जिनमें “नौ दिन को आ गई हैं मैया नौनो लग रऔ रे खोल दो किवरियां माई” साथ ही उन्होंने नए अंदाज से एक हनुमान भजन प्रस्तुत किया। मीरा ठाकुर ने प्रसिद्ध लोकगीत “वे कैसे किलपत हुईये जिनके दल टूटत हुईये री” गया। दीपेश दुबे और विवेक साहू ने अपनी मधुर आवाज में भजन “राधिका गोरी से बृज की छोरी से मैया करैय दे मेरो ब्याह” भी जनता की फरमाईश पर प्रस्तुति किये। लोकगीत कलाकारों में बुन्देलखंड के प्रसिद्ध लोकगीत गायक सूरज घोषी पार्षद ने अपनी प्रस्तुति जब से मिल गये नए-नए यार पुराने भूलन लगी” इस लोकगीत को सुनने के बाद जनता झूम गई। इन प्रस्तुतियों में से “ले गओ चुखरा पंटा की कुचैये ले गओ चुखरा और भी अनेकानेक लोकगीतों पर जनता झूमती नजर आयी।

उधर रंगोली आर्केस्ट्रा एंड म्यूजिकल क्लब के कलाकारों ने जिनमें शैलेष शुक्ला, दीपेश भाई, मिनी सिंगर आदि ने नए-पुराने मधुर गीतों की बौछारों से दर्शकों को सराबोर कर दिया। इनमें गणेश वन्दना के साथ शुरुआत की गई फिर फिल्मी गीतों भजनों “तूने मुझे बुलाया शेरा बालिए मैं आया मैं आया शेरा बालिए” एवं “अम्बे हैं मेरी मां जगदम्बे मेरी माँ” व “झूम-झूम छन नन बजे मैया पांव पैजनियां जैसे मातारानी के गीतों के साथ हो जनता की फरमाइश पर अन्य गीत भी प्रस्तुत किए गए। सागर के दर्शकों ने भरपूर तालियों से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। इसके अलावा मंच संचालन आयोजक सुशील साहू एवं सतीश पाठक ने किया। लोककला एवं संस्कृति के विकास के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में जीवन भर लोककलाओं को समर्पित अनेक कलाकारों का मंच से स्वागत करके नागरिक अभिनंदन किया गया।

2

आयोजन समिति द्वारा कार्यक्रम स्थल पर मंच से लेकर मस्जिद क्षेत्र तक को गुब्बारों, छतरियों, फूलों और विद्युत रोशनी से आकर्षक रूप से सजाया गया था। बैठने के लिए साफ फर्श बिछाए गए थे। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया था। कार्यक्रम में महिलाओं के बैठने की उत्तम व्यवस्था होने से महिलाओं ने आराम से बैठकर कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया। कार्यक्रम स्थल पर शुद्ध पेयजल की भी दुरुस्त व्यवस्था की गई थी। आयोजन समिति के कार्यकर्ता कार्यक्रम शुरू होने से लेकर समाप्ति तक बैठक व्यवस्था एवं महिला सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था की गई थी साथ ही ट्रैफिक में कोई व्यवधान न हो उसकी व्यवस्था साथ हो शुद्ध पेयजल की व्यवस्थाओं में मुस्तैदी से लगे रहे।

कार्यक्रम में दर्शकों की बहुत ज्यादा संख्या को देखते हुए उनको सुविधा बढी एल.ई.डी. स्क्रीन भी कार्यक्रम स्थल पर लगाई गई थी। हर बार की तरह इस बार भी पूरे कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग को यूट्यूब के माध्यम से मोबाइलों पर लाइव प्रसारित किया। सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी पूरी जिम्मेदारी से कार्यक्रम स्थल पर अपने दायित्वों का पालन करते दिखे। इनकी कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए आयोजक सुशील

साहू द्वारा इनका मंच से परिचय भी कराया गया। मंच से आयोजक सुशील साहू ने भी लगातार

शांति से कार्यक्रम देखने का निवेदन किया। उपस्थित दर्शकों को सुशील साहू का विशेष अंदाज में किया गया मंच संचालन बहुत पसंद आया। कार्यक्रम में कलाकारों की प्रस्तुतियों के पूर्व सागर की लोकप्रिय सांसद श्रीमति लता वानखेड़े एवं सागर विधायक श्री शैलेंद्र जैन जी, नगर निगम अध्यक्ष श्री वृन्दावन अहिरवार, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हीरासिंह जी राजपूत, श्री नेवी जैन (उद्योगपति), श्रीमति शारदा खटीक, कांग्रेस नेता श्री रामजी दुबे (अमित), श्री भूपेन्द्र सिंह मुहासा, श्री महेश जाटव, श्री वीरेन्द्र पटैल, श्री यशवंत सिंह बुन्देला, पूर्व विधायक श्री सुनील जैन, श्री विजय साहू, श्री मुन्ना चौबे, दादा श्री रामअवतार जी पाण्डेय, श्री लक्ष्मीनारायण जी यादव पूर्व सांसद, श्री हरिराम सिंह ठाकुर, श्री अनिल नैनधरा, श्री निकेश गुप्ता, डॉ. सुशील तिवारी, श्री शैलेन्द्र ठाकुर, डॉ. अनिल तिवारी, श्री सुखदेव मिश्रा, श्री मनोहर साहू, श्री शिखर कोठिया, श्री सूरज घोषी पार्षद, श्री श्याम तिवारी, श्री महेश साहू, श्री संतोष खटीक, श्री रामकुमार पचौरी एवं उपस्थित अतिथियों द्वारा कार्यक्रम का सरस्वती पूजन के साथ मंच पर फीता काटकर विधिवत शुभारंभ किया गया। आयोजन समिति की ओर से विधायक सहित सभी उपस्थित अतिधियों का पुष्प मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में आये दर्शकों में जिनका जन्मदिन था उनका जन्मदिन भी धूमधाम से मनाया गया।

छोटे-छोटे बच्चों को गुब्बारे एवं टॉफियाँ बांटी गई जिससें बच्चों में खुशी की लहर देखी गई। इस दौरान सागर सांसद श्रीमति लता वानखेडे जी एवं विधायक श्री शैलेन्द्र जैन जी कहा कि हर वर्ष बुराई पर अच्छाई की जीत के त्यौहार दशहरे पर सुशील साहू जी द्वारा करार जाने वाला यह कार्यक्रम आज पूरे बुंदेलखंड एवं मध्यप्रदेश में उनकी विशेष पहचान बना चुका

है।

यह कार्यक्रम जनता का भरपूर मनोरंजन करता है हम इस कार्यक्रम को लगातार और उन्नति के लिए शुभकामनाएं देते हैं। कार्यक्रम में सागर के वरिष्ठ नेताओं और समाजसेवियों पत्रकार बंधुओं में हीरासिंह राजपूत, शिवशंकर मिश्रा, पंकज जैन, प्रमोद साहू विजय साहू, सतीष पाठक, आदि ने भी बुन्देली संस्कृति और लोक कलाओं को बचाने की राह में इस कार्यक्रम को मील का पत्थर बताते हुए आयोजक सुशील साहू और उनके सहयोगियों को धन्यवाद दिया और इस कार्यक्रम की सराहना की। इस अवसर पर म.प्र. सरकार के पूर्वमंत्री श्री सुरेंद्र चौधरी, पूर्व विधायक श्री सुनील जैन और शहर के जाने माने लोग शिवशंकर मिश्रा, महेश साहू, मनोहर साहू, नेवी जैन, बलराम साहू, नीरज जैन, संतोष खटीक, निकेश गुप्ता, शरद राजा सेन, र प्रकाश पटेल, आदि सम्माननीय जन उपस्थित रहे। दशहरे की शाम को शुरु हुए इस भव्य कार्यक्रम में दर्शकों की संख्या लगातार बढ़ती रही। दर्शक एक बार कार्यक्रम स्थल पर बैठने के बाद उठने का नाम नहीं ले रहे थे। दर्शक लगातार अपनी पसंद के गीतों की फरमाइश भी कर रहे थे।

अंत में कार्यक्रम के आयोजक सुशील साहू ने आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम की सफलता में सहयोग करने वाले सभी सहयोगियों का हृदय से आभार व्यक्त किया और आगे इस कार्यक्रम को और भी भव्य तरीके से प्रस्तुत करने का वादा करते हुए लोककलाओं को बढ़ावा देने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में जिला एवं पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग मिला है जो निःसंदेह सराहनीय है। सुशील साहू ने पुलिस व जिला प्रशासन के आलावा कार्यक्रम में पधारे सभी दर्शकों, अतिथियों, सहयोगियों, पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सागर नगर के प्रबुद्ध कलाकारगण और बड़ी संख्या में कलाप्रिय दर्शक उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम रात्रि 8 बजे से सुबह 5 बजे तक चलता रहा। बुन्देली लोकनृत्य राई ने शमा बांधा।