सागर में ई-रिक्सा फाईनेस कराने के नाम पर ग्रामीणों से धोखाधड़ी,पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई
सागर। पुलिस कंट्रोल रूम में मंगलवार को जन सुनवाई के दौरान रहली के चादंपुर ग्राम से कुछ आवेदक आवेदन लेकर पहुंचे। जहां आवेदकों ने आरोप लगाया कि हमारे साथ ई रिक्सा फाईनेस करने के नाम पर आरोपी ने धोखाधड़ी की है। जिसकी रिपोर्ट करने के बाद भी पुलिस हमारी नहीं सुन रही है और ना ही पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।
जनसुनवाई के दौरान चांदपुर ग्राम निवासी आवेदक नाथूराम अहिरवार ने आवेदन दिया। जिसमें उसने बताया कि टीकाराम कुर्मी निवासी ग्राम बिछिया थाना गढ़ाकोटा के द्वारा मई 2023 मेरे घर चांदपुर आया और कहने लगा कि मेरे पास ई रिक्सा की ऐजेन्सी है और मुझे ई रिक्सा लेने की स्कीम बताकर मुझे व मेरे लड़के गोविंद अहिरवार को ई रिक्सा लेने के लिए कुछ सदस्यों को जोड़ने का कहने लगा। जो मैंने टीकाराम कुर्मी के कहने पर मेरे एवं मेरे बालक गोविंद अहिरवार व गांव के करीब 10 लोगों को ई रिक्सा लेने के लिए बोला। जो सभी लोगों से ई रिक्सा फायनेस कराने के लिए उसने दस्तावेज मांगे। हमने टीकाराम कुर्मी को सभी सदस्यों के दस्तावेज जिसमें आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक पासबुक, आय प्रमाण पत्र, जाती प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र की छाया प्रति, फोटो एवं अन्य दस्तावेज दे दिए। सभी सदस्यों के दस्तावेज लेकर टीकाराम मेरे घर से चला गया। करीब 15 दिन बाद मेरे लड़के गोविंद के पास फायनेंस कंपनी का फोन आया। उन्होंने मेरे लड़के से ई रिक्सा लेने के लिए सहमति चाही। मेरे लड़के गोविंद ने सहमति जताई। फिर टीकाराम कुर्मी पुन: 20 मई 2023 को मेरे घर आया एवं ई रिक्सा दिलाने के लिए मुझसे 60 हजार रुपए व मेरे लड़के गोविंद से 30 हजार रुपए नगद ले गया। फिर कुछ दिन बाद टीकाराम कुर्मी मेरे बनाये 10 अन्य सदस्यों से भी ई रिक्सा फायनेंस कराने के लिए अर्जुन अहिरवार से 35 हजार, मोहन अहिरवार से 40 हजार, राजेश अहिरवार से 35 हजार, दमोदर अहिरवार से 55 हजार, धनराज अहिरवार से 50 हजार, प्रकाश अहिरवार से 40 हजार, कृष्णकुमार अहिरवार से 50 हजार, चंदू अहिरवार से 20 हजार, छोटे अहिरवार से 22 हजार, हुकुम अहिरवार से 30 हजार रुपए बैंक से लोन दिलाने के नाम पर ले गया।
फर्जीबाड़ा सामने आया जब सामने
टीकाराम कुर्मी के द्वारा 6 माह तक न तो ई रिक्सा दिया गया न ही अन्य सदस्यों को ई रिक्सा दिया गया। मैंने एवं अन्य सदस्यों ने टीकाराम कुर्मी से फोन पर संपर्क किया जो टीकाराम द्वारा ई रिक्सा देने में आनाकानी करने लगा तो हमने कहा कि हमारे पैसे वापस कर दोए तो टीकाराम बोला की आकर बात करूंगा। फिर हम सबका टीकाराम ने ने फोन उठाना बंद कर दिया जो मैं एवं मेरे गांव के अन्य सदस्यों द्वारा टीकाराम के घर गए तो टीकाराम घर पर नहींमिला एवं घर वालों ने टीकारम को घर से बाहर होना बताया।
कोर्ट का नोटिस मिला
कुछ समय बाद मास फाईनेस कंपनी के द्वारा कोर्ट के माध्यम से जमानती वारंट प्राप्त हुआ तो पता लगा कि हमारे नाम पर मास कंपनी से लोन ले लिया गया हैं और आज तक न ही हमे ई रिक्सा दिया गया न ही हमारे पैसे वापस किये गये। जिसकी शिकायत हमने पुलिस थाना में की। तो पुलिस ने आवेदक एवं अन्य सदस्यों के कथनों लेख किये। जिसमें टीकाराम कुर्मी द्वारा आवेदकों के साथ ई रिक्सा फाईनेस कराने के नाम पर धोखाधड़ी कर छल कपट पूर्वक पैसा हड़प कर भागने का मामला दर्ज किया गया था।
मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई
आवेदन देने के दौरान आवेदक ने रहली पुलिस पर आरोप लगाया कि वह इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जब भी हम थाना में मामले की जांच को लेकर पहुंचते है तो पुलिस यह कह कर जाने को कह देती है कि अभी थाना में पर्याप्त स्टाप नहीं है। बाद में तुम्हारा मामला देखा जाएगा। आवेदक ने मांग की है कि मामले में जांच कर हमारे रुपए दिलाए जाए।

