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गांधी जयंती पर 18 बंदियों को मिली रिहाई, नए जीवन की ओर बढ़ने की अपील

गांधी जयंती पर 18 बंदियों को मिली रिहाई, नए जीवन की ओर बढ़ने की अपील सागर। महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर ...

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Gajendra singh

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गांधी जयंती पर 18 बंदियों को मिली रिहाई, नए जीवन की ओर बढ़ने की अपील

सागर। महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर मध्यप्रदेश शासन की विशेष माफी नीति के तहत सागर केंद्रीय जेल और खुली जेल से गुरुवार सुबह 11 बजे 18 आजीवन कारावास भुगत रहे बंदियों को रिहा किया गया। इनमें 14 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं।

शासन की इस नीति के अनुसार गंभीर अपराधों, विशेषकर बलात्कार और पॉक्सो एक्ट से जुड़े मामलों में सजायाफ्ता कैदियों को रिहाई का लाभ नहीं दिया जाता।

प्रशिक्षण से संवरेंगे भविष्य

रिहा किए गए बंदियों को जेल में रहने के दौरान आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न व्यवसायिक कौशल सिखाए गए। इनमें टेलरिंग, कारपेंटरी, लौह कारीगरी, भवन निर्माण कार्य और निर्माण सामग्री बनाने का प्रशिक्षण शामिल है। इसका उद्देश्य यह है कि वे जेल से बाहर निकलकर सम्मानजनक जीवनयापन कर सकें और समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।

अधीक्षक ने दी नसीहत

सागर केंद्रीय जेल के अधीक्षक मानेन्द्र सिंह परिहार ने बंदियों को रिहाई के बाद पुनः अपराध की राह पर न लौटने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि जेल में सीखे गए कौशल का उपयोग परिवार की स्थिति सुधारने और समाज के निर्माण में किया जाना चाहिए।

नीति में किया गया संशोधन

राज्य शासन ने रिहाई नीति में संशोधन करते हुए आजीवन कारावास से दंडित बंदियों की रिहाई के लिए अब वर्ष में 5 अवसर निर्धारित किए हैं। पहले केवल गणतंत्र दिवस, अंबेडकर जयंती, स्वतंत्रता दिवस और महात्मा गांधी जयंती पर रिहाई दी जाती थी। अब 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस पर भी पात्र बंदियों को रिहा किया जाएगा।