मिनी मैहर के नाम से प्रसिद्ध है टिकीटोरिया पर विराजी जगदंबा

मिनी मैहर के नाम से प्रसिद्ध है टिकीटोरिया पर विराजी जगदंबा
सागर। रहली के नजदीक पहाड़ी पर विराजी में शेरावाली का दरबार मिनी मैहर संसार में मिनी मैहर के नाम से जाना जाता है यहां पर माता के दरबार में आने वाले हर भक्त की मुरादें मां पूरी करती है । रहली जबलपुर रोड पर रहली से 5 किमी दूर टिकीटोरिया पहाड़ी पर विराजमान मां सिंहवाहिनी के इस मंदिर को मध्यप्रदेश में मिनी मैहर के नाम से जाना जाने लगा है। टिकीटोरिया के मुख्य मंदिर में अष्टभुजा धारी मां सिंह वाहिनी की नयनाभिराम प्रतिमा है।
मंदिर के निर्माण में संबंध में बहुत अधिक तो जानकारी नहीं है पर लोगों के अनुसार मंदिर का निर्माण सुनार नदी के तट पर स्थित किले के समकालीन ही लगभग 450 साल पहले हुआ था। मंदिर का निर्माण पहले तो रानी दुर्गावती द्वारा करवाया गया तथा यहां पर पत्थर की मूर्ति स्थापित की गई। करीब 50 साल पहले मातादीन अवस्थी और द्रोपतीे बाई के सौजन्य से सुरेन्द्र नाथ अवस्थी द्वारा संगमरमर की नयनाभिराम मूर्ति की स्थापना करायी गयी।  लगभग 30 से 35 साल पहले यहां पहाड़ काटकर मिट्टी की सीढि़यां बनायी गयी थीं फिर पत्थर रख दिये गये और सन 1984 में जीर्णोद्धार समिति का गठन किया गया। वर्तमान में जन सहयोग से मंदिर मे ऊपर तक जाने के लिए 365 सीढ़ियां हें। भारत के कोने कोने के लोगों के दान से यहां संगमरमर की सीढि़यों के निर्माण में दान दिया हैैं इसके अलावा यहां विभिन्न धार्मिक आयोजन शादी,विवाह आदि के लिए लगभग 15 धर्मशालाएं भी हैं जो विभिन्न समाज समितियों द्वारा बनवायी गयी हैं।
टिकीटोरिया के मुख्य मंदिर के सामने ही उंचाई पर शंकर जी का मंदिर बना है तथा मंदिर के दाहिनी ओर से एक गुफा है जिसमें राम दरबार तथा पंचमुखी हनुमान जी की विशाल प्रतिमा है मंदिर के पीछे यज्ञशाला और भैरव बाबा का मंदिर भी है। टिकीटोरिया का पहाड़ सागौन के वृक्षों से भरा है। उपर मंदिर होने के कारण यह पहाड़ सिद्ध क्षेत्र होने के साथ साथ यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है पूरी पहाड़ी सागौन के वृक्षो से आच्छादित है इसके अलावा चारों ओर हरे भरे खेत श्रद्धालुओं का मन मोह ही लेते हैं। पहाड़ के नीेचे बना तालाब में नहाना और बगीचा में झूला झूलना श्रद्धालुओं की टिकीटोरिया यात्रा को अविस्मरणीय बना देता है।
ऐसी मान्यता है कि टिकीटोरिया में मां भवानी के दरबार में आकर की गयी हर मान्यता पूरी होती है मेला के अवसर पर अनेक लोग पहली बार मन्नत करने तेा अनेक लोग मन्नत पूरी होने के बाद मां भवानी के दरबार में उपस्थिति दी है। एैसी मानता हे कि माॅ शेरावाली के दरबार में संपत्ति ही नही संतान की भी प्राप्ति होती है। माॅ के दरबार में आने वाले सभी भक्तों की मन्नत पूरी होती है लोग रोते रोते आते है हंसते हंसते जाते है अनेक श्रृद्धालु तो माॅ की महिमा सुनकर पहली बार आये है यह सोचकर कि मै भी मांग के देखू जिसने जो मांगा वो पाया है। दो दशक पहले यहां केवल पहाडी पर माॅ का मंदिर था और सीडियां भी नही थी चढने के लिये काफी मशक्कत करनी पढती थी लेकिन अब काफी जीर्णोद्धार हो गया है।
बुंदेलखंड का पहला रोप वे स्वीकृत 
 टिकीटोरिया धाम में पूर्व मंत्री वर्तमान विधायक गोपाल भार्गव के अथक प्रयास से यहाँ बुंदेलखंड का पहला रोप वें लगने वाला है जिससे यहाँ आने वाले श्रद्धांलुओं को और भी सहूलियत होगी, रोव वें के स्वीकृति हो चुकी है अब बस काम लगना वाकी है यहाँ पर विभिन्न समाजो की धर्मशाला व हाट बाजार का भी निर्माण कराया है, वही समिति द्वारा भी विभिन्न विकास कार्य किये गए है।
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