सागर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर ने छतरपुर के सिविल लाइन थाने में पदस्थ एसएचओ बालमीक चौबे द्वारा 15 लाख की रिश्वत मांगने के मामले में गंभीरता दिखाते हुए लोकायुक्त जांच के निर्देश दिए हैं। जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को निर्देश दिए कि वे मामले से संबंधित सभी दस्तावेज व याचिकाकर्ता की शिकायत लोकायुक्त संगठन को सौंपें। लोकायुक्त 90 दिन के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपेगी।
छतरपुर निवासी प्रेमचंद अहिरवार की ओर से हाााईकोर्ट के अधिवक्ता सौरभ सिंह ठाकुर एवं गौरव सिंह ठाकुर ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि सिविल लाइन छतरपुर के एसएचओ द्वारा याचिकाकर्ता से 15 लाख रुपये की अनैतिक मांग की गई। गांव में मृतक पूरन प्रजापति की आत्महत्या मामले की जांच चल रही थी। इसमें गांव के कुछ लोगों के नाम मृतक के परिवारवालों ने घटना के एक माह बाद लिए। एसएचओ ने याचिकाकर्ता को इस मामले में फंसाने की धमकी दी और उक्त रकम की मांग की।