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Sagar: कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई में एम्बुलेंस के पायलट द्वारा खुद पर पैट्रोल डाला गया, कलेक्टर ने घटना की उच्च स्तरीय जांच बैठाई

कलेक्टर के निर्देश पर जनसुनवाई में हुई घटना की होगी उच्च स्तरीय जांच सागर। मध्य प्रदेश शासन के निर्देश पर प्रत्येक मंगलवार ...

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| खबर का असर

कलेक्टर के निर्देश पर जनसुनवाई में हुई घटना की होगी उच्च स्तरीय जांच

सागर। मध्य प्रदेश शासन के निर्देश पर प्रत्येक मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई आयोजित की जाती है जिसमें जिले के लोगों की समस्याओं का निराकरण किया जाता है इसी बीच 108 एम्बुलेंस का चालक अचानक जनसुनवाई में पहुंचा और अपने ऊपर मिट्टी के तेल डालकर आग लगाने की कोशिश की जाने लगी घटना को देखते हुए मौजूद पुलिस कर्मियों के द्वारा ड्राइवर 108 एंबुलेंस को रोका गया और उसको सुरक्षित किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर श्री संदीप जी आर के द्वारा अपर कलेक्टर श्री अविनाश रावत को निर्देशित किया गया की तीन दिवस के अंदर उच्च स्तर की जांच करके प्रतिवेदन प्रस्तुत करें एवं आवश्यक कार्रवाई करें। अपर कलेक्टर श्री अविनाश रावत ने बताया कि कलेक्टर श्री संदीप जी आर के निर्देश पर जांच समिति का गठन किया गया है जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ममता तिमोरी, 108 एंबुलेंस की जोनल मैनेजर अरुण चौधरी, जिला प्रभारी रविंद्र खरे की टीम जांच करेगी एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।

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यह है मामला

दरअसल आज सागर के कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में मंगलवार दोपहर एक युवक ने खुद पर केरोसिन डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की। घटना देख आसपास मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ा और समझाइश देकर शांत कराया। अंदर ले जाकर युवक के पुलिस ने बयान लिए हैं।

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दरअसल, अभय राज अपने साथियों के साथ कलेक्टर कार्यालय मांगों को लेकर पहुंचे। उन्होंने सागर जिला के 108 वाहन के अधिकारी द्वारा मानसिक प्रताड़ना और भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की। उन्होंने बताया कि 108 एंबुलेंस वाहन के अधिकारी द्वारा रिश्वत नहीं देने पर कर्मचारियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। नौकरी से हटा दिया जाता है।

आरोप- एचआर डिपार्टमेंट के अधिकारी शामिल आरोप है कि, पहले भी मामले की शिकायत की गई। लेकिन अब तक कोई जांच नहीं हुई है। एचआर डिपार्टमेंट के अधिकारी इन से मिले हुए हैं। जिसके कारण इतने आवेदन देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि हर महीने रिश्वत नहीं देने के कारण करीब 50 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है।
उनकी मांग है कि मामले की जांच करके कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर बुलाया जाए। बार-बार आवेदन देने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। जिस कारण से सभी लोग बेरोजगार हैं और मानसिक तनाव, आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। इसी दौरान सुनवाई नहीं होने से परेशान अभय राज ने खुद पर केरोसिन डाल लिया। आसपास मौजूद लोगों ने देखा तो दौड़े और उसे पकड़ा। समझाइश देकर शांत कराया। पुलिस ने अभय राज के बयान लिए हैं और मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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