होम मध्यप्रदेश सागर / बुंदेलखंड राजनीति अपराध / क्राइम रिपोर्ट धर्म/अध्यात्म सोशल भारत स्पोर्ट्स खाकी

भाद्रपद पूर्णिमा पर आज लगेगा चंद्र ग्रहण, दोपहर 12:56 बजे से शुरू होगा सूतक

भाद्रपद पूर्णिमा पर आज लगेगा चंद्र ग्रहण, दोपहर 12:56 बजे से शुरू होगा सूतक सागर। उज्जैन। आज 7 सितंबर को भाद्रपद मास ...

विज्ञापन
Photo of author

Gajendra Thakur

Post date

Published on:

| खबर का असर

भाद्रपद पूर्णिमा पर आज लगेगा चंद्र ग्रहण, दोपहर 12:56 बजे से शुरू होगा सूतक

सागर। उज्जैन। आज 7 सितंबर को भाद्रपद मास की पूर्णिमा है और इसी दिन रात को साल 2025 का एकमात्र चंद्र ग्रहण भी लगेगा। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। यानी इसका प्रभाव आज दोपहर 12:56 बजे से शुरू हो जाएगा और ग्रहण समाप्त होने तक जारी रहेगा।

RNVLive

कब-कब दिखाई देगा ग्रहण

ग्रहण की शुरुआत: रात 9:56 बजे

RNVLive

पूर्ण चंद्र ग्रहण का मध्यकाल: रात 11:41 बजे

ग्रहण का समापन: 8 सितंबर की रात 1:26 बजे

ये चंद्र ग्रहण भारत के अलावा एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर से भी दिखाई देगा।

सूतक और धार्मिक परंपराएं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल और ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ, भोजन और मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। इसलिए भक्तों को सलाह दी गई है कि वे पूर्णिमा से जुड़े धर्म-कर्म दोपहर 12 बजे तक संपन्न कर लें। इस दौरान पितरों के लिए श्राद्ध कर्म भी किए जाएंगे, क्योंकि कल 8 सितंबर से पितृ पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू हो रही है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा का कहना है कि पितृ पक्ष की शुरुआत में चंद्र ग्रहण का संयोग पहले भी 16 सितंबर 2016 को बना था। अब अगली बार यह विशेष योग 28 सितंबर 2042 को आएगा।

मंदिरों में विशेष व्यवस्था

ग्रहण के प्रभाव के कारण आज दोपहर से ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और शुद्धिकरण कराकर मंदिर पुनः खोले जाएंगे।

ग्रहण काल में क्या करें

पूजा-पाठ की जगह मानसिक मंत्र-जप करें।

जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री, कपड़े, जूते-चप्पल या कंबल दान करना शुभ माना जाता है।

पूर्णिमा पर गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों में स्नान की परंपरा है। यदि नदी स्नान संभव न हो, तो घर पर गंगाजल मिले जल से स्नान कर सकते हैं।

पितृ पक्ष का महत्व

पितृ पक्ष में पितर देव धरती पर आते हैं। जो लोग इस दौरान श्रद्धा से तर्पण, धूप और ध्यान करते हैं, उन्हें पितरों का आशीर्वाद मिलता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

Total Visitors

6189793