रक्षाबंधन 2025: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और परंपराएं
सागर। सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई जीवनभर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 8 अगस्त को दोपहर 1:23 बजे होगी और इसका समापन 9 अगस्त को दोपहर 1:25 बजे होगा। शास्त्रों के अनुसार उदयकाल की तिथि का ही महत्व होता है, इसलिए 9 अगस्त को पूरे दिन राखी बांधना शुभ रहेगा।
- शुभ चौघड़िया: सुबह 7:27 बजे से 9:07 बजे तक
- चल चौघड़िया: दोपहर 12:27 बजे से 2:05 बजे तक
- लाभ चौघड़िया: दोपहर 2:06 बजे से 3:46 बजे तक
- अमृत चौघड़िया: दोपहर 3:47 बजे से 5:26 बजे तक
राखी बांधने की सही विधि
रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन दोनों को सिर ढकना चाहिए। सबसे पहले भाई के माथे पर तिलक लगाएं, फिर रक्षा सूत्र बांधकर मिठाई खिलाएं। इसके बाद आरती उतारें और आशीर्वाद लें।
रक्षाबंधन का इतिहास
- पद्म पुराण के अनुसार: सबसे पहले माता लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधी थी और भगवान विष्णु को बैकुंठ वापस ले आई थीं।
- भविष्य पुराण के अनुसार: इंद्राणी ने देवताओं की रक्षा के लिए इंद्रदेव और देवगुरु बृहस्पति को रक्षा सूत्र बांधा था।
- द्वापर युग में: द्रौपदी ने भगवान कृष्ण को राखी बांधी थी।
रक्षाबंधन न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि इसके पीछे निहित ऐतिहासिक और धार्मिक कथाएं इसे और अधिक पवित्र और अर्थपूर्ण बनाती हैं।