मध्य प्रदेश में बारिश का कहर: 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, 54 डैम भरने से खोले गए गेट

मध्य प्रदेश में बारिश का कहर: 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, 54 डैम भरने से खोले गए गेट

भोपाल/ग्वालियर। मध्य प्रदेश में मानसून अपने पूरे जोरों पर है। प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। बुधवार को जबलपुर और ग्वालियर सहित कई जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई, वहीं मौसम विभाग ने गुरुवार को प्रदेश के उत्तरी हिस्से के 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग के अनुसार ग्वालियर, मुरैना, भिंड, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, पन्ना, छतरपुर और सतना जिलों में अगले 24 घंटे के दौरान 4 इंच तक बारिश हो सकती है। इसके अलावा भोपाल और इंदौर में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।

डैम और नदियों का जलस्तर बढ़ा, गेट खोलने पड़े

लगातार तेज बारिश के चलते प्रदेश के प्रमुख जलाशयों और डैमों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बरगी, बाणसागर, जोहिला, सतपुड़ा सहित कई बड़े डैम ओवरफ्लो की स्थिति में आ गए हैं। मजबूरन कई डैमों के गेट खोल दिए गए हैं।

अब तक कुल 54 डैम में जलस्तर सामान्य से अधिक दर्ज किया गया है। इनमें गांधीसागर, इंदिरा सागर, मोहनपुरा, ओंकारेश्वर, राजघाट, केरवा, कोलार, कुंडालिया, बरना, टिल्लर, तिघरा, पेंच, संजय सागर जैसे प्रमुख जलाशय शामिल हैं।

भोपाल का बड़ा तालाब भी तेजी से भर रहा है। इसमें अभी करीब 6.5 फीट पानी आ चुका है। यदि थोड़ा और पानी आया तो भदभदा डैम के गेट खोलने की नौबत आ सकती है।

कहां कितनी बारिश हुई

बुधवार को जबलपुर और ग्वालियर में 1.1 इंच बारिश दर्ज की गई। पचमढ़ी में 1 इंच, मंडला में लगभग 0.75 इंच और दतिया में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा। वहीं रतलाम, उज्जैन, दमोह, रीवा, सीधी, शहडोल, बालाघाट, डिंडोरी, बैतूल, मऊगंज और आलीराजपुर में भी झमाझम बारिश हुई।

शहडोल स्थित बाणसागर डैम के 8 गेट, जबकि बैतूल जिले के सारणी स्थित सतपुड़ा डैम के 5 गेट दो-दो फीट तक खोले गए।

मानसून ट्रफ से बढ़ा खतरा, अगले 48 घंटे भारी

मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के मुताबिक, प्रदेश के ऊपर से मानसूनी ट्रफ लाइन गुजर रही है, जिसके कारण अगले दो दिन उत्तरी जिलों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। अब तक प्रदेश में औसतन 18.5 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्यतः इस समय तक सिर्फ 11 इंच पानी गिरना चाहिए था। यानी इस बार अब तक साढ़े 7 इंच अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है।विशेष रूप से प्रदेश के पूर्वी हिस्से में मानसून ने इस बार खूब मेहरबानी दिखाई है।

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