सागर में पहली बार पेपरलेस पंचायत उपचुनाव, निर्वाचन आयोग ने बनाया खास प्लान
सागर जिले में इस बार पंचायत उपचुनाव को खास बनाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने पेपरलेस मॉडल को अपनाने का निर्णय लिया है। यह नवाचार न केवल पूरे प्रदेश बल्कि देशभर के लिए एक मिसाल बनेगा। इसके तहत जिले में जनपद पंचायत सदस्य और चार ग्राम पंचायतों के सरपंच के चुनाव पूरी तरह डिजिटल पद्धति से कराए जाएंगे।
22 जुलाई को बीना जनपद पंचायत और चार ग्राम पंचायतों के लिए होने वाले इस ऐतिहासिक चुनाव के लिए आयोग ने 16 मतदान केंद्रों को चुना है, जहां पहली बार पेपरलेस मतदान की प्रक्रिया लागू होगी। इस पहल को सफल बनाने के लिए आयोग ने 12.50 लाख रुपए का विशेष बजट भी जारी किया है।
तीन चरणों में पहुंचेगी टीम, होगी कड़ी तैयारी
निर्वाचन आयोग की टीम तीन चरणों में सागर पहुंचेगी। पहले दौरे में 7 से 8 जुलाई के बीच उप सचिव और तकनीकी विशेषज्ञ मतदान केंद्रों का निरीक्षण करेंगे और जरूरी डिजिटल उपकरण जैसे लैपटॉप, पेन ड्राइव, थंब इंप्रेशन मशीन, सिग्नेचर पैड, प्रिंटर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। इसी दौरान मतदान कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
दूसरे चरण में 14 से 16 जुलाई के बीच अवर सचिव संजू कुमारी मतदान कर्मियों को मॉक ड्रिल और सॉफ्टवेयर इंस्टॉलेशन की ट्रेनिंग देंगी, जिससे मतदान प्रक्रिया में कोई खामी न रहे।
वहीं तीसरे और अंतिम चरण में उप सचिव मुकुल कुमार गुप्ता की अगुवाई में अधिकारी दल 22 जुलाई को मतदान प्रक्रिया को धरातल पर उतारेंगे। सागर कलेक्टर संदीप जीआर और अन्य प्रशासनिक अधिकारी इसमें सहयोग करेंगे।
अब नहीं लगानी होगी लंबी कतार
पेपरलेस चुनाव व्यवस्था से मतदान कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। अब उन्हें चुनाव सामग्री लेने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय में लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। सभी सामग्री और तकनीकी संसाधन सीधे मतदान केंद्रों पर पहुंचाए जाएंगे और पीठासीन अधिकारी मतदान से एक दिन पहले ही केंद्रों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे।
आयोग के आयुक्त मनोज श्रीवास्तव और सचिव अभिषेक सिंह ने सागर कलेक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस पूरी कार्ययोजना पर चर्चा कर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। उम्मीद है कि इस तकनीकी पहल से चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुगम होगी।