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ऑनलाइन ठगी ने ली जान: मध्यप्रदेश में एक महीने में दो खुदकुशी के मामले

ऑनलाइन ठगी ने ली जान: मध्यप्रदेश में एक महीने में दो खुदकुशी के मामले ग्वालियर। अब डिजिटल ठगी सिर्फ जेब पर ही ...

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| खबर का असर

ऑनलाइन ठगी ने ली जान: मध्यप्रदेश में एक महीने में दो खुदकुशी के मामले

ग्वालियर। अब डिजिटल ठगी सिर्फ जेब पर ही नहीं, बल्कि सीधे जान पर भी भारी पड़ने लगी है। बीते कुछ सालों में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं, लेकिन अब इनमें पीड़ितों की आत्महत्या की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं। अकेले मध्यप्रदेश में जून-जुलाई में दो लोग साइबर ठगी की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं  एक मामला ग्वालियर से तो दूसरा रीवा से है।

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ऑनलाइन डॉग खरीदने के चक्कर में गई जान

ग्वालियर के हीरा नगर इलाके की रहने वाली रीना प्रजापति ने महज एक पालतू कुत्ता खरीदने के चक्कर में 1.70 लाख रुपये गंवा दिए। लिंक के जरिए ठगी का शिकार हुई रीना ने लगातार 15 दिन तक मानसिक दबाव झेला। आखिरकार 12 जून को उन्होंने जहर खाकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली।

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चांदी के सिक्कों का लालच, बुजुर्ग ने खुद को मारी गोली

रीवा के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में रहने वाले 65 साल के सरोज दुबे से ठगों ने पुराने चांदी के सिक्कों के बदले मोटी रकम दिलाने का लालच देकर 60 हजार रुपये ऐंठ लिए। इसके बाद लगातार धमकियों और दबाव से तंग आकर उन्होंने 5 जुलाई को अपनी लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मार ली।

देश के कई हिस्सों में ऐसे मामले बढ़ रहे हैं

मध्यप्रदेश ही नहीं, देश के अलग-अलग कोनों से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। कर्नाटक के बेलगावी में डियोगजेरोन संतन और उनकी पत्नी फ्लावियाना ने 50 लाख की ठगी के बाद खुदकुशी कर ली थी। कानपुर में एक बीपीएड की छात्रा को ठगों ने अश्लील वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल किया, बदनामी के डर से उसने भी फांसी लगा ली।

साइबर सेल ने दी सलाह

राज्य साइबर सेल के डीएसपी संजीव नयन शर्मा ने कहा कि डरने की बजाय वक्त रहते पुलिस को जानकारी देना सबसे जरूरी है। अगर ठगी हो भी जाए तो 1930 नंबर पर कॉल करके खाते से पैसे फ्रीज कराए जा सकते हैं। हर जिले में साइबर सेल एक्टिव है और जरूरत पड़ने पर पीड़ितों को काउंसलिंग भी दी जाती है।

ठगी से कैसे बचें ?

किसी अनजान लिंक या कॉल पर कभी भी अपनी निजी जानकारी शेयर न करें।

ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त वेबसाइट या ऐप की सही पहचान जरूर करें।

किसी भी धोखाधड़ी की आशंका होने पर तुरंत 1930 या नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराएं।

साइबर जागरूकता सेमिनारों में भाग लें और अपने परिवार व दोस्तों को भी सतर्क रखें।

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