सागर। जिले की रहली महाविद्यालय में अतिथि विद्वानों की मनमानी पर बड़ा एक्शन लिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने सार्थक ऐप पर फर्जी हाजिरी डालकर हर महीने भुगतान लेने वाले छह अतिथि विद्वानों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। महाविद्यालय के अनुसार लंबे समय से अतिथि विद्वान मैत्री मोहन वेन, डॉ. राजू सेन, डॉ. मनोज जैन, शीतल मिश्रा, आकांक्षा सिंघई, राजमणि सोनी के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं और महाविद्यालय से इनकी सेवाएं समाप्त करने का पत्र जारी कर दिया गया है। ये अतिथि विद्वान नियमविरुद्ध उपस्थिति डालकर मनमानी कर रहे थे, जिसकी शिकायत उच्च शिक्षा विभाग से की गई थी। विभाग द्वारा कार्रवाई के लिए अप्रैल में एक पत्र भी जारी किया था, लेकिन उसके बाद भी महाविद्यालय स्तर पर उसे अनदेखा किया गया। ऐप पर फर्जी तरीके से उपस्थिति डाली जाती रही। इसके बाद आयुक्त द्वारा यह कदम उठाया गया।
बता दें कि महाविद्यालय में 24 जुलाई 2024 से प्रोफेसर व अन्य स्टाफ की उपस्थिति सर्थक ऐप पर दर्ज की जा रही थी। पूरे मामले में महाविद्यालय लिपकीय स्टाफ, कंप्यूटर ऑपरेटर की भी भूमिका संदेह के घेरे में है। क्योंकि शिकायत प्राचार्य की ई-मेल आईडी से की गई, लेकिन मेल के आउट बॉक्स में कोई मेल नहीं है। उसे डिलीट कर दिया गया। डिस्पैच रजिस्टर में जावक की डाक तो चढ़ाई गई है, लेकिन उसकी प्रति रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
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सागर में फर्जी हाजिरी डालकर हर महीने भुगतान लेने वाले छह अतिथि विद्वानों पर कार्यवाही
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