विधायक का पोता ऐसे मिला: 21 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने किया रेस्क्यू, रिश्तेदार ही निकला अपहरणकर्ता
रायसेन जिले के सिलवानी से कांग्रेस विधायक देवेंद्र पटेल का दो वर्षीय पोता दिव्यम पटेल, जो गुरुवार को रहस्यमय तरीके से लापता हो गया था, पुलिस ने उसे 21 घंटे की कठिन तलाश के बाद छिंदवाड़ा जिले के तामिया से सकुशल बरामद कर लिया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में तीन थानों की पुलिस टीम, डॉग स्क्वॉड और ड्रोन कैमरों की मदद ली गई।
रात 3 बजे मिली सफलता, गांव में मनाया गया जश्न
गुरुवार देर रात 3 बजे पुलिस को सफलता मिली, जब दिव्यम को सुरक्षित घर वापस लाया गया। जैसे ही पुलिस बच्चे को लेकर घर पहुंची, गांव में ढोल-नगाड़े, फूलों की वर्षा और आतिशबाजी के साथ उसका स्वागत किया गया। मां दिव्या पटेल ने बेटे को गले से लगाया और आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा, “पूरी रात बेटे के इंतजार में कटी, भगवान का शुक्र है कि बेटा सही-सलामत वापस आया। पुलिस का दिल से धन्यवाद।”
अपहरणकर्ता निकला रिश्तेदार, मांगा डेढ़ करोड़ की फिरौती
एसपी पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि दिव्यम का अपहरण किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि उसके रिश्तेदार ने ही किया था। रुपयों के लालच में आरोपी ने डेढ़ किलो सोना (करीब डेढ़ करोड़ रुपए) की फिरौती मांगी थी।
सीसीटीवी फुटेज और गांववालों से पूछताछ के बाद पुलिस को अरविंद उर्फ अनु पटेल, जो दिव्यम का चाचा लगता है, पर शक हुआ। पूछताछ में उसने बच्चे की जानकारी दी। तामिया में दबिश देकर राहुल पटेल और उमेश गौर नामक दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
विधायक बोले – खुशी है कि बच्चा मिला, दुख है कि आरोपी परिवार से हैं
विधायक देवेंद्र पटेल ने भावुक होते हुए कहा, “खुशी इस बात की है कि बच्चा सुरक्षित वापस आया, लेकिन अफसोस इस बात का है कि अपहरण करने वाला मेरा ही भांजा और बच्चे का चाचा निकला। पुलिस, प्रशासन और ग्रामवासियों ने जो तत्परता दिखाई, उसके लिए हम दिल से आभारी हैं।”
कहां और कैसे हुआ अपहरण?
गुरुवार सुबह करीब 11:02 बजे, दिव्यम को घर के आंगन में सेब खाते हुए देखा गया था। इसके बाद वह लापता हो गया। परिजन और विधायक खुद भी बच्चे की तलाश में जुटे लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई और गुमशुदगी व अपहरण की धाराओं में मामला दर्ज हुआ।
तीन थानों की टीमों ने चलाया सर्च ऑपरेशन
बेगमगंज, सिलवानी और गैरतगंज थानों की पुलिस टीमें इस सर्च ऑपरेशन में लगी थीं। ड्रोन कैमरे, डॉग स्क्वॉड और कॉल ट्रैकिंग की मदद से आखिरकार पुलिस ने आरोपी तक पहुंच बनाई।