MP News: फर्जी कॉलेज में अय्याशी का सामान मिला, नोट गिनने की मशीन भी जप्त

कौशल विकास के नाम पर फर्जीबाड़ा, नकली डॉक्टर बनाने के लिए पैसे लेकर बांटे जा रहे प्रमाण पत्र

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ने किया भंडाफोड़, शराब की बोतलों सहित नोट गिनने की मशीन भी मिली

सागर। रोजगार और अच्छे कैरियर का सपना देखने वाले युवाओं की बढ़ती संख्या का फायदा उठाने के लिए कई लोग तत्पर रहते हैं और पैसा कमाने के लिए युवाओं को बेवकूफ बनाकर उनके भविष्य से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते हैं। ऐसा ही एक मामला जिले में सिविल लाइन स्थित एलआईसी बिल्डिंग में खुले एक सेन्टर का सामने आया है। यहां पर राधा रमण इंस्टीटयूट का सामने आया है यहां पर कौशल विकास के नाम पर ग्रामीण युवा बेरोजगारों को सुनहरे कैरियर के सपने दिखाकर उनके भविष्य से खिलवाड़ की जा रही थी। यहां पर निरीक्षण के दौरान शराब और बियर की बोतलों सहित नोट गिनने की मशीन भी मिली है। साथ ही अन्य संदेहास्पद सर्टिफिकेट और सामग्री भी जब्त कराई गई है। यहां पर कार्रवाई के दौरान संचालक उपस्थित नहीं मिला। अधिकारियों ने संचालक से फोन पर संपर्क किया तो बताया गया कि वह बाहर है।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने शुक्रवार को सिविल लाईंस स्थित राधा रमण इंस्टीटयूट पर जाकर आकस्मिक निरीक्षण किया, इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी बृजेश त्रिपाठी, नायब तहसीलदार रितु राय, राजस्व विभाग के आर आई, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष श्रीमती किरण शर्मा, सदस्य सुरेन्द्र सेन, श्रीमती अनीता राजपूत, भगवत शरण बनवारिया, जेजेबी सदस्य चंद्रप्रकाश शुक्ला, जिला अस्पताल से फार्मासिस्ट दीपक जैन, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, आईटीआई सहित पुलिस व अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
मिली जानकारी के मुताबिक बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शिकायत मिली थी कि सिविल लाईंस स्थित राधा रमण इंस्टीटयूट में कौशल विकास के नाम पर बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को क्लीनिक खोलने और उनको यहां से तीन माह का कोर्स करने के बाद पैरामेडीकल का सर्टिफिकेट मिलेगा, जिसके बाद वह ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दे सकते हैं। इस तरह की शिकायत के बाद शुक्रवार को राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य औंकार सिंह ने इंस्टीटयूट का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यहां पर कई अनियमितताएं सामने आई।
राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य औंकार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि राधा रमण इंस्टीटयूट में प्रधानमंत्री कौशल विकास केन्द्र के नाम पर बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रशिक्षित करने का दावा किया जा रहा था। साथ ही यह इंस्टीटयूट ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने के लिए नकली डॉक्टर की प्रेक्टिस करने की तैयारी करवा रहा था, यहां पर कोर्स करने आने वाले युवाओं से 32000 से लेकर 45000 रूपए तक फीस ली जा रही थी। निरीक्षण के दौरान इंस्टीटयूट में शराब और बियर की खाली और भरी तथा आधी भरी बोतलें भी मिली है। यहां पर बच्चे पढ़ते हैं और खासकर बालिकाएं भी आती हैं। श्री सिंह ने बताया कि हम जब वहां थे तो बालिकाएं ही वहां पर मिली, पढऩे वाले बच्चों के आने जाने की जगह और खासकर बालिकाओं के आने की जगह पर इस प्रकार की सामग्री का पाया जाना बहुत ही आपत्तिजनक है, यह नहीं होना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में कॉल सेंटर के नाम से भी वहां एक कमरा भी था जहां से लड़कियां काल करके ग्रामीण युवाओं को यहां पर आने के लिए प्रेरित करती थी और युवा कौशल विकास के नाम पर यहां पर ट्रेनिंग के लिए आ जाते थे। राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्री सिंह ने कहा कि इंस्टीटयूट में मिली सामग्री की नियमानुसार जब्ती कराई गई है। साथ ही डीवीआर जब्त किया है, दो कमरे भी सील किये हैं, जिसमें केमिकल रखे थे। मामले को संबंधित विभागों को सौंपकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
कार्यवाही के दौरान मौजूद आईटीआई के कौशल विकास केन्द्र का काम देखने वाले अधिकारी ने बताया कि इस इंस्टीटयूट को करीब दस साल पहले दो साल के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास का प्रशिक्षण लेने का काम मिला था, जो वर्षो पहले बंद हो चुका है लेकिन उसके नाम पर एक फर्जी सेंटर यहां पर आज भी चल रहा है और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में यहां से प्रशिक्षित निकले बच्चों को देखा जाना चाहिए कि यहां से प्रशिक्षण लेकर जो बच्चे निकले हैं वह कहीं डॉक्टर का काम तो नहीं कर रहे हैं।

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