भारत का एक्शन, पाकिस्तान आयोग बंद, वीजा नही,राजनयिकों की वापस भेजने की तैयारी
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रेल) को आतंकवादियों ने कम से कम 28 नागरिकों, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, की गोली मारकर हत्या कर दी. ये 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक है. इस हमले के बाद मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग बंद किया जाएगा. पाकिस्तानियों का वीजा रद्द होगा वहीं, सिंधु जल समझौते पर भी रोक लगा दी गई है. साथ ही इस हमले को लेकर सरकार ने कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
आतंकी हमला बैसरन में हुआ, जिसे ‘मिनी स्विटजरलैंड’ कहा जाता है, क्योंकि यहां केवल पैदल या टट्टू से पहुंचा जा सकता है. मंगलवार रात श्रीनगर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को हमले में मारे गए लोगों के परिजनों और अन्य बचे लोगों से बातचीत की. जांच में स्थानीय पुलिस की मदद के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक टीम भी पहलगाम पहुंची. सुरक्षा एजेंसियों ने हमले में शामिल होने के संदेह में तीन लोगों के स्केच जारी किए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि सीसीएस ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया. इसने संकल्प लिया कि इस हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा. तहव्वुर राणा के हाल के प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन लोगों की तलाश में निरंतर प्रयास करेगा जिन्होंने आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया है या उन्हें संभव बनाने की साजिश रची है।
भारत ने लिए 5 बड़े फैसले
सिंधु जल सहयोग का निलंबन: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को कहा, ‘जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद बंद नहीं कर देता, सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रखी जाएगी। अटारी-वाघा सीमा बंद: भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार और लोगों के बीच संपर्क के लिए महत्वपूर्ण बिंदु, प्रतिष्ठित अटारी-वाघा भूमि क्रॉसिंग को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है.
पाकिस्तानी नागरिकों की भारत में एंट्री बंद: पाकिस्तानी नागरिकों के भारत में प्रवेश को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया है. इसमें वीजा सेवाएं और सीमा पार यात्रा परमिट दोनों शामिल हैं।
सैन्य सलाहकारों का निष्कासन: नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात सभी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित कर दिया गया है, जो सैन्य-से-सैन्य राजनयिक संबंधों में गिरावट का संकेत है.
उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या में कमी: भारत ने पाकिस्तान से नई दिल्ली में अपने राजनयिक उपस्थिति को घटाकर मात्र 30 कर्मचारियों तक सीमित करने को कहा है, जिससे मिशन की वर्तमान परिचालन क्षमता, जो 55 है, प्रभावी रूप से कम हो जाएगी