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नवरात्रि में अद्भुत भक्ति: कीलों की सैया पर लेटकर कर रहे मां की आराधना

नवरात्रि में अद्भुत भक्ति: कीलों की सैया पर लेटकर कर रहे मां की आराधना सागर। नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा की आराधना ...

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नवरात्रि में अद्भुत भक्ति: कीलों की सैया पर लेटकर कर रहे मां की आराधना

सागर। नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा की आराधना और पूजा का पर्व है। इस पर्व के नौ दिनों में भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। कुछ भक्त अपनी भक्ति को अनूठे अंदाज में प्रस्तुत करते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत भक्त है कमलेश कुर्मी, जो देवरी विधानसभा के सूना ग्राम के निवासी हैं। वे हर वर्ष नवरात्रि के दौरान कठिन साधना कर मां की उपासना करते हैं।

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इस वर्ष कमलेश कुर्मी ने रहली विधानसभा के चांदपुर ग्राम में अपने गुरु भाई धर्मेंद्र विश्वकर्मा के घर पर कीलों की सैया पर लेटकर मां की आराधना करने का संकल्प लिया है। वे पिछले दस वर्षों से नवरात्रि के दौरान कठिन तपस्या कर रहे हैं और पिछले चार-पांच वर्षों से अपने गुरु भाई के यहां अद्भुत साधना कर रहे हैं।

भूख-प्यास पर नियंत्रण
कमलेश कुर्मी पूरे नवरात्रि के दौरान भोजन नहीं करते। वे केवल दो चम्मच जल और दो चम्मच दूध ग्रहण कर अपनी भूख और प्यास शांत करते हैं। यह उनके कठोर तप और मां दुर्गा के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा को दर्शाता है।

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साधना की विशेषताएं
कमलेश कुर्मी की भक्ति हर साल एक नए कठिन स्तर पर पहुंचती है।

पहले वर्ष: जमीन पर लेटकर पूरे शरीर पर ज्वारे बोकर साधना की।

दूसरे वर्ष: साधारण बैठकर पूरे शरीर पर ज्वारे बोए।

तीसरे वर्ष: कीलों की कुर्सी पर बैठकर आराधना की।

चौथे वर्ष: कीलों के झूले पर बैठकर साधना की।

पांचवें वर्ष: इस बार कीलों की सैया पर लेटकर भक्ति कर रहे हैं।

उनके गुरु भाई धर्मेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि कमलेश कुर्मी नवरात्रि से एक माह पहले ही भोजन कम कर देते हैं और नवरात्रि के प्रारंभ होने तक भोजन पूरी तरह त्याग देते हैं।

कमलेश कुर्मी की यह अनूठी भक्ति गांव और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बनी हुई है। उनकी श्रद्धा और तपस्या देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। उनकी भक्ति सभी के लिए प्रेरणादायक है और यह दर्शाती है कि मां दुर्गा की उपासना में समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति का कितना महत्व है।

 

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