दमोह मिशन अस्पताल पर कार्रवाई: 7 मरीजों की मौत के आरोपों के बाद सीएमएचओ ने दिया बंद करने का आदेश

दमोह मिशन अस्पताल पर कार्रवाई: 7 मरीजों की मौत के आरोपों के बाद सीएमएचओ ने दिया बंद करने का आदेश

दमोह।  जिले के चर्चित मिशन अस्पताल को लेकर बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मुकेश जैन ने अस्पताल को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय अस्पताल में हुई सात मरीजों की मौत और प्रशासनिक लापरवाहियों के आरोपों के बाद लिया गया है।

डॉ. जैन ने बताया कि अस्पताल को लाइसेंस रिन्यूअल के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था, लेकिन प्रबंधन आवश्यक दस्तावेज समय पर ऑनलाइन जमा नहीं कर सका। इसके अलावा, अस्पताल में न तो लैब टेक्नीशियन थे और न ही कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की गई थी। इन गंभीर खामियों के चलते अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन 31 मार्च 2025 तक वैध था।

सीएमएचओ के आदेश के अनुसार, यदि अस्पताल में कोई मरीज होता, तो उन्हें 3 दिन के भीतर जिला अस्पताल में स्थानांतरित किया जाता, लेकिन वर्तमान में अस्पताल में कोई भर्ती मरीज नहीं है। अब यहां नए मरीजों का इलाज पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

प्रबंधन का पक्ष: “लाइसेंस रिन्यू हो चुका, कार्रवाई राजनीति से प्रेरित”

मिशन अस्पताल की प्रबंधक पुष्पा खरे ने प्रशासन की कार्रवाई को एकतरफा बताया। उन्होंने दावा किया कि 14 अप्रैल को ही उन्होंने लाइसेंस रिन्यूअल के लिए आवेदन कर दिया था और अब केवल निरीक्षण बाकी है। उन्होंने कहा, “जांच में जो भी कमियां सामने आएंगी, उन्हें हम दूर करेंगे। सीएमएचओ दबाव में आकर कार्रवाई कर रहे हैं क्योंकि मौजूदा माहौल में वे कोई रिस्क नहीं लेना चाहते।”

पुष्पा खरे ने यह भी बताया कि अस्पताल में अभी कोई पेशेंट नहीं है। एमडी पैथोलॉजिस्ट के इस्तीफे के कारण ब्लड बैंक लैब को भी बंद कर दिया गया है। साथ ही, विवाद के कारण डायलिसिस यूनिट का रिन्यूअल नहीं हो पाया और वह भी बंद कर दी गई है। कैथ लैब पहले ही सील हो चुकी है।

एफआईआर को लेकर उन्होंने सफाई दी कि वह पुरानी समिति पर की गई थी, अब नई समिति कार्यरत है जिसका उन मामलों से कोई संबंध नहीं है। फर्जी रजिस्ट्रेशन के आरोपों पर उन्होंने कहा कि “आयुष्मान पोर्टल पर सारी जानकारी मौजूद है, अब हम अपना पक्ष कोर्ट में ही रखेंगे।”

डॉ. नरेंद्र यादव के फर्जीवाड़े से जुड़ा मामला

यह पूरा मामला 6 अप्रैल को उस वक्त सुर्खियों में आया था जब पता चला कि डॉ. नरेंद्र यादव ने लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एन. जॉन केम के नाम पर 15 हार्ट सर्जरी की थीं, जिनमें से 7 मरीजों की मौत हो चुकी थी। इन सर्जरीज़ की अवधि दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच रही। शुरुआती जांच में दो मौतों की पुष्टि हुई थी। इसके बाद डॉ. नरेंद्र यादव फरार हो गया था, लेकिन उसे प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया।

कैथ लैब 6 दिन पहले की गई थी सील

10 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने मिशन अस्पताल की कैथ लैब को सील कर दिया था। इस कार्रवाई में जिला अस्पताल के डॉक्टरों और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मौजूद रही।

 

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