बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में बच्ची की मौत मामले में परिजनों ने किया चक्काजाम
सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में डेढ़ साल की बच्ची की संदिग्ध मौत के बाद सोमवार को परिजनों ने जमकर हंगामा किया और सागर-गढ़ाकोटा मार्ग स्थित सानौधा चौराहे पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया। घटना की सूचना पर भीम आर्मी और अहिरवार महापंचायत के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए।
मामले में प्रशासन हरकत में आया
चक्काजाम की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी तत्काल कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई, जिससे यातायात बाधित हो गया।
बच्ची की संदिग्ध मौत पर परिजनों का आरोप
परिजनों के अनुसार, 19 मार्च को डेढ़ साल की सौम्या को निमोनिया की शिकायत पर बीएमसी के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। रविवार को वार्ड में मौजूद स्टाफ ने बच्ची के पास ब्लोअर हीटर लगा दिया, लेकिन परिजनों को इसकी जानकारी नहीं दी। इससे बच्ची का पैर झुलस गया और बाद में उसकी मौत हो गई।
मृतका के पिता अरुण अहिरवार (निवासी सानौधा) ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब उन्होंने विरोध किया तो सुरक्षाकर्मियों ने परिजनों से बदसलूकी भी की।
बीएमसी प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
बीएमसी अधीक्षक डॉ. राजेश जैन ने बताया कि बच्ची का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल से कराया गया है और रिपोर्ट आने के बाद मौत का सही कारण स्पष्ट होगा। साथ ही, विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जांच समिति गठित, तीन दिन में रिपोर्ट
बीएमसी के डीन डॉ. पीएस ठाकुर ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जिसमें डॉ. प्रवीण खरे (अध्यक्ष), डॉ. मो. इलियास और डॉ. अजित आनंद असाटी (सदस्य) शामिल हैं। टीम को तीन दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।