रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया एएसआई, टीआई समेत 4 पर एफआईआर
भोपाल के ऐशबाग थाने में पदस्थ एएसआई पवन रघुवंशी को बुधवार को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया। इस कार्रवाई को पुलिस की ही टीम ने अंजाम दिया। मामले में एएसआई के अलावा ऐशबाग थाना टीआई जितेंद्र गढ़वाल समेत चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
25 लाख रुपये में हुई थी डील
यह मामला हाल ही में पकड़े गए ठगी के एक कॉल सेंटर से जुड़ा है। एएसआई पवन रघुवंशी ने इस केस के आरोपी मुइन खान को बचाने के एवज में 25 लाख रुपये की डील की थी। इसी डील की पहली किस्त के रूप में 5 लाख रुपये लेते वक्त क्राइम ब्रांच और जोन-1 की एडिशनल डीसीपी रश्मि मिश्रा की टीम ने उसे धर दबोचा।
टीआई जितेंद्र गढ़वाल समेत 4 पुलिसकर्मी निलंबित
रिश्वत मामले में ऐशबाग थाने के टीआई जितेंद्र गढ़वाल, एएसआई पवन रघुवंशी, प्रधान आरक्षक धर्मेंद्र और प्रधान आरक्षक मनोज को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया कि सभी आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच जारी है और उनके कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) भी खंगाले जा रहे हैं।
जब्त प्रिंटर घर ले गया था एएसआई
जांच में खुलासा हुआ है कि 23 फरवरी को कॉल सेंटर पर छापे के दौरान एएसआई पवन रघुवंशी वहां से टीसीएस कंपनी का महंगा प्रिंटर जब्त कर अपने घर ले गया था, लेकिन इसकी कोई जब्ती रिपोर्ट नहीं बनाई थी। पुलिस ने अब वह प्रिंटर भी उसके घर से बरामद कर लिया है।
10 लाख लेकर फरार हुई दूसरी पार्टी
पुलिस की जांच में सामने आया कि मुइन खान को बचाने के लिए 25 लाख रुपये की डील हुई थी। पहली खेप में 15 लाख रुपये देने की योजना थी, जिसमें से 5 लाख की रिश्वत लेते हुए एएसआई पकड़ा गया। जबकि बाकी 10 लाख रुपये लेकर दूसरी पार्टी फरार हो गई, जिसकी तलाश जारी है।
पहले भी विवादों में रहे टीआई और एएसआई
टीआई जितेंद्र गढ़वाल और एएसआई पवन रघुवंशी पहले भी विवादों में रहे हैं। उन पर एनडीपीएस एक्ट के तहत फर्जी कार्रवाई करने और जुआरी फरहान खान को झूठे केस में फंसाने के आरोप लगे थे।
पुलिस ने चारों आरोपी पुलिसकर्मियों के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।