मकर संक्रांति 2025: फसल, खुशहाली और पतंगों का त्योहार, जानिए क्या है परंपरा और महत्व

मकर संक्रांति 2025: फसल, खुशहाली और पतंगों का त्योहार, जानिए क्या है परंपरा और महत्व

मकर संक्रांति का त्योहार भारत के कई हिस्सों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार (Makar Sankranti 2025) 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इसे खिचड़ी और उत्तरायण जैसे नामों से भी जाना जाता है।
मकर संक्रांति का त्योहार फसल और सम्पन्नता से जुड़ा है। अलग-अलग जगहों पर इस त्योहार को अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है।

इस दिन सूरज की पूजा की जाती है और गंगा स्नान का भी खास महत्व है। इस त्योहार एक खास बात और भी है और वह है पतंग उड़ाना (Makar Sankranti kite flying traditions)। इस दिन पूरा आकाश रंग-बिरंगी पतंगों से भर जाता है। इन रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर सभी मन खुशी से झूम उठता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा क्यों है? आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी।
भगवान राम ने उड़ाई थी पहली बार पतंग…

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की धार्मिक मान्यताएं हैं। तमिल रामायण के मुताबिक, मकर संक्रांति के दिन सबसे पहली बार पतंग भगवान श्रीराम ने उड़ाई थी। ऐसा कहा जाता है कि उनकी पतंग इतनी ऊंची उड़ रही थी कि वह इंद्रलोक तक पहुंच गई थी। तभी से मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू हो गई।

पतंग उड़ाने को शुभता और खुशी का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए इस दिन बच्चों से लेकर बड़े तक हर कोई पतंग उड़ाने के लिए बेहद उत्सुक नजर आता है। मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाकर लोग अपने जीवन में खुशहाली और सफलता की कामना करते हैं।

पतंग उड़ाने के वैज्ञानिक कारण भी हैं…

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। जैसा कि आप जानते हैं मकर संक्रांति का त्योहार सर्दी के मौसम में आता है। जनवरी का महीना कड़ाके की ठंड का होता है। ऐसे में सुबह के समय छत पर पतंग उड़ाने से शरीर को धूप मिलती है, जिससे विटामिन-डी की कमी पूरी करने में मदद मिलती है। विटामिन-डी शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। इसकी कमी की वजह से हड्डियां और इम्युनिटी कमजोर हो सकती हैं। विटामिन-डी सबसे ज्यादा धूप से मिलती है, लेकिन सर्दी के मौसम में धूप कम निकलती है और आजकल लोग वैसे भी धूप में कम समय बिताते हैं। ऐसे में मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने से उन्हें धूप मिलती है और विटामिन-डी मिलती है।

दूसरा कारण यह है कि पतंग उड़ाते समय फिजिकल एक्टिविटी होती है, जिससे हमारी बॉडी एक्टिव रहती है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। एक कारण यह भी है कि सर्दी के मौसम में धूप की कमी की वजह से मूड भी काफी डाउन रहता है। ऐसे में पतंग उड़ाने से मूड अच्छा होता है, जो हमारी मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद है।

सामाजिक महत्व भी है कारण

मकर संक्रांति के दिन लोग एक साथ मिलकर पतंग उड़ाते हैं, जिससे सामाजिक एकता बढ़ती है। पतंग उड़ाना बच्चों के लिए एक मजेदार खेल है। इससे उनके बचपन में यादें बनती हैं और बड़ों की बचपन की यादें ताजा होती हैं।

पतंग उड़ाते समय रहें सावधान

सुरक्षा का ध्यान रखें- पतंग उड़ाते समय सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बिजली के तारों से दूर रहें और छत पर पतंग उड़ाते समय किनारे पर न जाएं।
दूसरों का सम्मान करें- पतंग उड़ाते समय दूसरों का सम्मान करें और उनकी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं।
पर्यावरण का ख्याल रखें- पतंग उड़ाने के बाद पतंग के धागे को कहीं भी न फेंके। इसे सुरक्षित तरीके से डस्टबिन में डालें।
बाहर सावधानी से निकलें- मकर संक्रांति के दिन कई सारे लोग पतंग उड़ा रहे होते हैं, जिनका मांजा कई बार इधर-उधर उलझ जाता है। इससे जान जाने तक का रिस्क भी रहता है। इसलिए बाहर सावधानी से निकलें।

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