सागर में नायब तहसीलदार, मुख्य नगरपालिका अधिकारी सहित पंचायत सचिवों पर लगाया जुर्माना

कार्यों का निराकरण समय सीमा में नहीं करने पर नायब तहसीलदार, मुख्य नगरपालिका अधिकारी सहित पंचायत सचिवों पर लगाया जुर्माना

सागर। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट संदीप जी.आर. के आदेशानुसार, अपने कार्यों के प्रति लापरवाही और प्रकरणों का निराकरण समय सीमा के अंदर नहीं करने पर नायब तहसीलदार सुनील कुमार वाल्मीकि सर्किल सीहोरा राहतगढ़, मुख्य नगरपालिका अधिकारी बरोदियाकलां तहसील मालथौन श्री प्रभुशंकर खरे समेत जैसीनगर, बंडा, रहली, केसली, राहतगढ़, शाहगढ एवं मालथौन की विभिन्न ग्राम पंचायतों के सचिवों पर जुमाना लगाया गया।

कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कार्यायल जारी जुमाना आदेश के अनुसार जनपद पंचायत बंडा के ग्राम पंचायत कलराहो सचिव जमना दुबे, ग्राम पंचायत बहरोल सचिव मिलन सिंह चढ़ार, ग्राम पंचायत कुल्ल सचिव हरीशरण दुबे, ग्राम पंचायत बेसली सचिव रामदास यादव, ग्राम पंचायत टागिया सचिव प्रीति जैन, ग्राम पंचायत सेंमरा दांत सचिव अनरुद्ध सिंह, ग्राम पंचायत खजरा भैंड़ा सचिव महेश जैन ग्राम पंचायत कंदवा सचिव राधे गोस्वामी, जनपद पंचायत रहली के ग्राम पंचायत धनगुवां सचिव कृष्ण कुमार ठाकुर, जनपद केसली के ग्राम पंचायत मुहली सचिव प्रकाश गौंड़, ग्राम पंचायत बिलहरी सचिव ओमप्रकाश तिवारी, ग्राम पंचायत देवरी नाहरमउ सचिव संजय सिंह राजपूत, ग्राम पंचायत थावरी भिलैया सचिव यशपाल जैन, ग्राम पंचायत तुलसीपार सचिव रामप्रकाश यादव, जनपद जैसीनगर के ग्राम पंचायत बांसा सचिव संतोष ठाकुर, ग्राम पंचायत देवलचौरी सचिव मूलचंद्र रजक, जनपद शाहगढ के ग्राम पंचायत उजनेठी सचिव रामस्वरूप अहिरवार, जनपद राहतगढ़ के ग्राम पंचायत चंद्रापुर सचिव हर्षिता तिवारी, ग्राम पंचायत मडदेवरा सचिव योगेश यादव, जनपद देवरी के ग्राम पंचायत बहेरिया कलां सचिव हरिनारायण रैकवार, ग्राम पंचायत रायखेडा सचिव दीपक खटीक को कार्यों का निराकरण समय सीमा में नहीं करने पर जुर्माना लगाया गया।

म०प्र० लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के अंतर्गत द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी द्वारा अपने अधिकार का उपयोग करते हुए, आर्थिक सांख्यिकी विभाग के प्रकरण को समय सीमा के अंदर निराकरण न करने, साथ ही इस हेतु पूर्व में भी पंचायत सचिवों को निर्देशित करने के उपरांत भी प्रकरण का निराकरण समय सीमा में नहीं किया गया हैं। साथ ही कारण बताओ नोटिस का भी ग्राम पंचायत  सचिवों द्वारा समाधान कारक जवाब नहीं दिया गया ।
उक्त कृत्य लोक सेवा गांरटी अधिनियम 2010 की धारा 7 (क) का उल्लंघन हैं। अतएव सचिवों के द्वारा आवेदन को विलंबित करने एवं समय सीमा पर निराकृत नहीं करने पर दंड स्वरूप जुर्माना लगाया गया। साथ ही उक्त जुर्माना राशि को तीन दिन के अंदर जमा करने का आदेश दिया गया।

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