मेले हमारी समृद्ध सभ्यता व संस्कृति के प्रतीक – विधायक प्रदीप लारिया

मेले हमारी समृद्ध सभ्यता व संस्कृति के प्रतीक – विधायक प्रदीप लारिया

खाकरोन मेला में यज्ञ दर्शन,श्रीमद्भागत कथा, मेले की भव्यता और लोकगीत प्रस्तुतियों का क्षेत्रवासियों ने लिया आनंद

सागर। मकर संक्रांति के पर्व पर नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खाकरोन में धसान नदी के पास स्थापित अति प्राचीन शिव मंदिर के समीप लंबे समय से चले आ रहे बुंदेली मेले की परंपरा आज भी कायम है। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी यज्ञ व श्रीमद्भागवत कथा आयोजन के साथ मेले का भव्य उत्सव देखने को मिला,बड़ी संख्या में मेला देखने जन सैलाब उमड़ पड़ा।
यह बुंदेली मेला विलुप्त होने की कगार पर था लेकिन क्षेत्रीय विधायक प्रदीप लारिया के अथक प्रयासों से यहां प्रतिवर्ष मकर संक्रांति पर्व पर उत्सव के साथ क्षेत्रीय नागरिकों का बड़ी संख्या में समागम होने लगा।
रविवार को मेला महोत्सव में बुंदेलखंड के जाने-माने लोकगीत कलाकार रामकिशोर मुखिया ललितपुर वाले और उनके साथी कलाकारों, हास्य कवि सुनील समैया बीना वाले ने अपनी मंचीय प्रस्तुतियों से क्षेत्रीय नागरिकों को मंत्रमुग्ध किया। मेले में शामिल हुए लोगों ने यज्ञ दर्शन, श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण, मेले की भव्यता, लोकगीत प्रस्तुतियों का और हास्य कविताओं का आनंद एवं रसपान लिया।


इस अवसर पर विधायक लारिया ने कहा कि मेला हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। खाकरोन मेला धीरे-धीरे समाप्त हो रहा था, इस संस्कृति को जीवित रखने का हम सभी का सामूहिक कर्तव्य है। मेले, सामाजिक, धार्मिक, व्यापारिक और मनोरंजन के लिए आयोजित किए जाते हैं। मेले, किसी समाज की संस्कृति और परंपरा का दर्पण हैं। मेले के जरिए पुरानी पीढ़ी नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराती है। मेले हमारी समृद्ध सभ्यता व संस्कृति के प्रतीक है। हमारी प्राचीन विरासत मेले अपना सांस्कृतिक स्वरूप खोते जा रहे है। उन्होंने मेले की इस प्राचीन परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर रखने का आह्वान किया।
मेले के सफल आयोजन के लिए उन्होंने समस्त क्षेत्रवासियों को बधाई दी।
इस अवसर पर पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्तागण, जनप्रतिनिधि,सरपंचगण सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित थे।

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