मध्यप्रदेश में 6 नए जिलों पर तैयारी, रिपोर्ट माँगी गयी

MP:  प्रदेश के लोगों को आने वाले साल में बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। प्रदेश में तैयारियां जोरो-शोरों से जारी है। बता दें कि यहां पर राज्य सरकार सभी जिलों, तहसीलों और ब्लॉक की सीमाएं नए सिरे से तय करने के लिए विशेष आयोग का गठन कर चुकी है। साथ ही सीएम मोहन यादव नें मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष के रूप में रिटायर्ड आईएएस मनोज श्रीवास्तव को नियुक्त किया है। पूर्व आईएएस मनोज शुक्ला को सदस्य बनाया गया है। इन लोगों को प्रदेश में संभाग, जिले, तहसील, विकासखंडों की नए सिरे से सीमांकन की रूपरेखा जिम्मेदारी दे दी गई है।
मांगी जाएगी रिपोर्ट।
जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश में कुल 10 संभाग, 56 जिले और 430 तहसीलें हैं। नई सीमाएं तय करने के लिए हर संभाग, जिला, तहसील स्तर के साथ ब्लॉक स्तर से कई प्रकार की रिपोर्ट मांगी जाएंगी। भौगोलिक आधार किस मुख्यालय में क्या-क्या विसंगतियां हैं, साथ ही मुख्यालय व ब्लॉक की दूरियां कितनी हैं, इन सब चीजों की निगरानी भी की जाएगी।
जनगणना करा सकती है लेट
एमपी सरकार भले ही परिसीमन दो माह में पूरा करने का दावा कर रही है लेकिन ये इसलिए संभव नहीं दिखता क्योंकि अभी तो आयोग ने काम करना भी शुरू नहीं किया है। साथ ही केंद्र सरकार 1 जनवरी 2025 से राष्ट्रीय जनगणना शुरू करने जा रही है, जिससे सभी राज्यों को 31 दिसंबर 2024 तक जिला, तहसील और ब्लॉक की सीमाएं फिक्स करने का आदेश जारी किया है। इस प्रकार मध्यप्रदेश के परिसीमन में और ज्यादा समय लग सकता है।
इन तहसीलों की चर्चा तेज
एमपी में आने वाले साल में नए जिलों के साथ ही नई तहसीलें बन सकती हैं क्योंकि भौगोलिक विसंगितयों के कारण ही बीना (सागर), चाचौड़ा (गुना), खुरई (सागर), जुन्नारदेव (छिंदवाड़ा), लवकुशनगर (छतरपुर) और मनावर (धार) को जिला बनाने की मांग लगातार उठ रही है।
इन पर अब विचार किया जा सकता है, क्योंकि सीएम कह भी चुके हैं “कई टोले, मजरे और पंचायतों के लोगों को जिला, संभाग, तहसील, विकासखंड जैसे मुख्यालयों तक पहुंचने के लिए 100 से 150 किमी का चक्कर लगाना पड़ रहा है, जबकि ऐसे क्षेत्रों से दूसरे जिले, संभाग, विकासखंड और तहसील मुख्यालय नजदीक हैं। जल्द बड़े फैसले लिए जाएंगे।

KhabarKaAsar.com
Some Other News

कुछ अन्य ख़बरें

error: इस पेज की जानकारी कॉपी नहीं की जा सकती है|
Scroll to Top