डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्रायें आईसीसीसी की कार्यपद्धिती व अत्याधुनिक तकनीकी से परिचित होकर रोमांचित हुये
सागर। सागर स्मार्ट सिटी के इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की विजिट करने आये डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने आईसीसीसी में इन्टीग्रेट विभिन्न नागरिक सेवाओं को मॉनिटर करने की कार्यपद्धिती जानी और यहां की अत्याधुनिक तकनीकी से परिचित होकर रोमांचित हुये। सभी उपस्थित विद्यार्थियों को आईसीसीसी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। स्वच्छ सर्वेक्षण में सागर को नंबर-1 बनाने के लिए शहर में कचरा फैलाने वालों पर वीडियो फोटो साक्ष्य के आधार पर सख्त कार्यवाही आदि की जा रही है। इस प्रकार की स्वच्छता गतिविधियों की मॉनिटरिंग यहां की जा रही है। यहां की बड़ी स्क्रीन वॉल पर डोर टू डोर कचरा कलेक्शन वाहनों की मॉनिटरिंग का डेस बोर्ड दिखाते हुये बताया गया की प्रत्येक कचरा कलेक्शन वाहन की जीपीएस से निगरानी ऑनलाइन होती है। वाहनों की गतिविधियों पर नजर रखते हुये डाटा तैयार किया जाता है। विधार्थियो को कचरा संग्रहण और प्रसंस्करण की शार्ट फ़िल्म भी दिखाई गई। इंटेलिजेंट ट्रेफिक मैनेज़मेंट सिस्टम द्वारा शहर में यातायात प्रबंधन को विस्तार से बताया गया। इसके अंतर्गत शहर में लगे आरएलवीडी कैमरा, एएनपीआर कैमरा सहित पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम, एमरजेंसी कॉल बॉक्स आदि की तकनीकी बारीकीयों की भी जानकारी दी गई। ऑटोमेटिक चालान बनने से लेकर संबंधित वाहन चालक तक चालान पहुंचने की प्रक्रिया बताई गई। इसके साथ ही बताया गया की सीएम हेल्प लाईन, 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नागरिकों के आयुष्मान कार्ड निर्माण, नशा मुक्त भारत अभियान, विभिन्न चुनाव की मॉनिटरिंग आदि हेतु भी आईसीसीसी द्वारा सक्रीयता से कार्य किया जा रहा है। पब्लिक अनाउंसमेंट द्वारा नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। शहर में स्थापित सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम द्वारा प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है और रिकॉर्डिंग को सर्वर पर स्टोर किया जाता है। अत्याधुनिक तकनीकी और सॉफ्टवेयर से युक्त आईसीसीसी सागर में वॉर रूम की तरह कार्य कर रहा है। सभी छात्र-छात्राओं ने आईसीसीसी का भ्रमण करने के बाद सिविल लाईन चौराहे पर पहुंचकर आईटीएमएस सिस्टम सिग्नलों, कैमरा और एमरजेंसी कॉल बॉक्स आदि उपकरणों को देखा और कार्यपद्धिति सहित जंक्शन के बारे में जाना।