राजस्व महाअभियान 3.0 में राजस्व के समस्त प्रकरणों का निराकरण शत प्रतिशत करें- कलेक्टर संदीप जी आर

राजस्व महाअभियान 3.0 में राजस्व के समस्त प्रकरणों का निराकरण शत प्रतिशत करें- कलेक्टर संदीप जी आर

राजस्व महाअभियान (3.0) 15 नवंबर 2024 से 15 दिसम्बर 2024

सागर। राजस्व महाअभियान 3.0 में राजस्व के समस्त प्रकरणों का निराकरण शत प्रतिशत करें । उक्त निर्देश कलेक्टर संदीप जी आर ने दिए। कलेक्टर श्री संदीप जी आर  ने बताया कि राजस्व महा-अभियान प्रथम चरण (जनवरी मार्च 2024) एवं द्वितीय चरण (18 जुलाई 2024 से 31 अगस्त 2024) की सफलता को देखते हुए,  मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देशानुसार राजस्व विभाग के राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण और राजस्व अभिलेख त्रुटियों को ठीक करने हेतु राजस्व महाअभियान 3.0 का आयोजन दिनांक 15/11/2024 से 15/12/2024 तक किए जाने का निर्णय लिया गया है।
इस अभियान का उद्देश्य राजस्व न्यायालयों (RCMS) में लम्बित प्रकरणों (नामांतरण, बँटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, सीमांकन) का निराकरण, नए राजस्व प्रकरणों को RCMS पर दर्ज कराना, नक़्शे पर तरमीम, PMKISAN का सैचुरेशन, आधार का ROR से लिंकिंग, परम्परागत रास्तों का चिन्हांकन, फार्मर रजिस्ट्री, स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन है।

कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने बताया कि राजस्व महाअभियान  3.0  में निम्नानुसार गतिविधियां संपादित की जाएगी

नामांतरण :

समय सीमा बाह्य नामातंरण प्रकरणों (विवादित / अविवादित) का निराकरण सुनिश्चित करते हुए, नवीन दर्ज प्रकरणों का समय-सीमा में में निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें। उत्तराधिकार नामांतरण के अतंर्गत ग्राम के पटवारी द्वारा B1 का वाचन कराया जाकर ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की जाए, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। तदनुसार प्रकरण दर्ज कर फौती नामांतरण की कार्यवाही की जाए।

बंटवाराः

समय सीमा बाह्य बंटवारा प्रकरणों का निराकरण करें और नवीन दर्ज प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाए, ताकि भूमि की सीमा नक्शे में उपलब्ध होने पर विवादों का निराकरण किया जा सके।
रिकार्ड सुधार:

06 माह की अवधि से लंबित सभी प्रकार के अभिलेखों के शुद्धिकरण के प्रकरणों का निराकरण शीघ्र किया जाना सुनिश्चित करें।
 सीमांकनः
RCMS पर दर्ज लंबित सीमाकंन प्रकरणों का त्वारित निराकरण एवं नवीन प्रकरणों को दर्ज कर निराकृत करें।

परंपरागत रास्तों का चिन्हांकन

धारा 131 के तहत मान्यता प्राप्त सडक, रास्ते, सार्वजनिक भूमियो का चिन्हांकन करना । इसके तहत रास्ता विवाद, जल निकासी विवाद आदि प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा ।

 नक़्शे में बटांकन

कुछ ग्रामों के खसरा तथा नक्शे में लिंक स्थापित नहीं है और नागरिकों को उपलब्ध कराये जा रहे नक्शे पूर्णतः शुद्ध नहीं है। खसरा एवं नक्शा में एकरूपता नहीं होने से सम्बन्धित कृषकों को समस्याओं का सामना करना पडता है। इसके संबंध में निम्नानुसार कार्यवाही की जाए

खसरे में बटांकन होना परंतु नक्शे में नही होना

नामांतरण / बंटवारा आदेश के आधार पर यदि खसरे में तो बटांकन किया गया, परंतु उसकी तरमीम नक्शे पर अमल नहीं की गई हो, तब इस प्रकार की त्रुटि नक्शे में दिखाई देती है। इस प्रकार की त्रुटि को ग्राम नक्शा में उपलब्ध खसरा बटांकन सूची के अनुसार भूलेख पोर्टल पर “नक्शा बटांकन” (Map Rectification) मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा नक्शे में तरमीम अमल का कार्य किया जा सकता है। वर्तमान में इस प्रकार की तरमीम के प्रकरण काफी अधिक संख्या में लंबित है। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुधार किया जाए।

. खसरा नंबर का एक से अधिक बार होना 

नक्शे के दो पार्सल में एक ही खसरा नंबर दर्ज है, जबकि नक्शा में प्रत्येक पार्सल पर एक यूनीक खसरा नंबर दर्ज होना चाहिए, इस प्रकार की त्रुटि से खसरा एवं नक्शा लिंकिंग में समस्या होती है और कम्प्यूटर यह पता नहीं कर पाता कि जिस खसरा नंबर का दोहराव हो रहा है। इस प्रकार की त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर “नक्शा संख्या अद्यतन” (Map Number/ Attribute Update) मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा किया जाए।
नक्शे में बटांकन होना परन्तु खसरे में नही होना 
यदि किसी खसरा नंबर के नक्शे में बटांकन दर्ज है किन्तु खसरे में मूल नंबर प्रदर्शित हो रहा है तो नक्शे में दर्ज बटांको को मर्ज कर खसरा अनुसार मूल नंबर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इस प्रकार की त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर “बहुल नक्शा बटांकन (Village Map Correction) मॉड्यूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाए।
शामिल खसरे को भिन्न किया जाना
सभी शामिल खसरों को बंदोबस्त के रिकॉर्ड एवम वर्तमान खसरा नक्शे के आधार पर रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाए।
खसरा क्रमांक में त्रुटिपूर्ण शब्दों एवं अंको को हटाना।
आधार से ROR खसरे की लिंकिंग
भूलेख पोर्टल पर जाकर आवेदक अपने खसरे को आधार से लिंक कर सकता है, जिसका सत्यापन पटवारी द्वारा किया जाएगा।

फार्मर रजिस्ट्री 

प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री का प्रबंधन mpfr.agristack.gov.in पोर्टल के माध्यम से किया
जा रहा है, इसका उद्देयश् यह है कि कृषक किसान क्रेडिट कार्ड हेतु ऑनलाईन आवेदन कर सकें

एवं नियमानुसार पात्रता होने पर 30 मिनिट में राशि किसानों को प्राप्त हो सके। इसके माध्यम से पीएमकिसान योजना हेतु आवेदन भी किया जा सकेगा।

पीएमकिसान योजना हेतु फार्मर आईडी को दिसम्बर 2024 से अनिवार्य किया गया है, कृषक स्वयं अथवा पटवारी फार्मर आईडी बनाये जाने की कार्यवाही कर सकते हैं।

छूटे हुए पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन भी संबंधित पटवारी द्वारा किया जा सकता है एवं किसान भी उक्त पोर्टल एवं एप के माध्यम से कार्यवाही सुनिश्चित कर सकते हैं।

आगामी समय में फार्मर आईडी अन्य योजनाओं में भी अनिवार्य होगी, अतः इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कर किसानों की सहभागिता से फार्मर आईडी जनरेट करने की कार्यवाही पूर्ण की जाए।

PMKISAN सैचुरेशन: पीएमकिसान योजना सैचुरेशन हेतु निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए
छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को योजना में जोड़ा जाए।

अपात्र हितग्राहियों की जानकारी पीएमकिसान पोर्टल पर अद्यतन की जाए।
लंबित ई-केवायसी की कार्यवाही पीएमकिसान एप, पीएमकिसान पोर्टल के माध्यम से ओटीपी द्वारा, सीएससी केन्द्र के माध्यम से बायोमेट्रिक द्वारा अथवा पीएमकिसान एप के माध्यम से फेस रिकग्निशन द्वारा पूर्ण की जाए।

लंबित आधार बैंक खाता डीबीटी हेतु enable करने की कार्यवाही संबंधित बैंकर्स का सहयोग लेकर एवं इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक संबंधी खाता खोलकर पूर्ण की जाए।

स्वामित्व : स्वामित्व योजना के तहत आबादी भूमि का सर्वेक्षण पूर्ण करने हेतु निम्नानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए

दिनांक 30/11/2024 तक समस्त ग्रामें में ग्राउंड डुथिंग का कार्य पूर्ण किया जाकर अद्यतन नक्शा सर्वे ऑफ इंडिया से प्राप्त किए जाए। अभियान के समन्वय के लिए जिले के लिए नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर श्री रुपेश उपाध्याय को बनाया गया है।

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