मर्जर गलत निर्णय, जिला अस्पताल यथावत रहे, मेडिकल कॉलेज नये सिरे से हो विकसित: महापौर
इसी मांग को लेकर मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री से पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलेंगी महापौर
सागर। जिला अस्पताल सागर यानी तिली अस्पताल की अपनी एक पहचान है। जिले के प्रत्येक व्यक्ति के लिए यहां इलाज सुलभ है। उनकी पहुंच में यह स्थान है। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में जिला अस्पताल का मर्जर बिल्कुल गलत है। यह काम पूर्व में भी किया जा चुका है, जिसके दुष्परिणाम सामने आने के बाद मर्जर समाप्त करना पड़ा। ऐसी ही स्थिति दोबारा न बने, लोग परेशान न हों इसलिए जिला अस्पताल को यथावत रखा जाये और मेडिकल कॉलेज का विस्तार नये सिरे से नई जगह पर किया जाये। यह बयान सागर की प्रथम नागरिक महापौर संगीता सुशील तिवारी ने जारी किया है। उनका कहना है कि बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज को संपूर्ण और ठीक तरीके से विकसित करने के लिए लगभग 200 एकड़ क्षेत्र में नये सिरे से निर्मित किया जाना चाहिए। वर्तमान स्थल पर बीएमसी के विकास के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। ऐसे में जिला अस्पताल का परिसर बीएमसी को दिये जाने के बाद भी मेडिकल कॉलेज को ठीक तरह से विकसित नहीं किया जा सकता। केन्द्र सरकार द्वारा प्रदत्त 300 करोड़ रुपये की राशि पिछले तीन वर्ष से रखी है उसका मेडिकल कॉलेज के विकास के लिए कोई उपयोग नहीं हो पाया। उसका उपयोग भी नई जगह पर ही हो। मेडिकल कॉलेज की वर्तमान जगह को पीपीपी मोड पर प्राइवेट संस्थान को दे दी जाये तो वह उस परिसर को निजी उपयोग के लिए ठीक से विकसित कर देगा साथ ही नये परिसर में बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज को भी तैयार किया जा सकेगा। बेहतर यही है कि जिला चिकित्सालय तिली को वर्तमान परिसर में ही और अधिक सुविधायुक्त बनाया जाये तथा मेडिकल कॉलेज के लिए नये परिसर की तलाश कर एक ही कैंपस में चिकित्सा सेवा संबंधी सभी संकाय संचालित करने की व्यवस्था की जाये। महापौर ने कहा इस संबंध में माननीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, उपमुख्यमंत्री और सागर के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्लाजी से भी पिछले प्रवास के दौरान चर्चा की थी। साथ ही उन्हें यह भी बताया था कि जनभावनाएं मर्जर के खिलाफ हैं। जल्दी ही नगर निगम के पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ इसी मांग को लेकर हम एक बार फिर से माननीय उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्लाजी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी से भी मिलेंगे।