गुजराती समाज का नव वर्ष कार्यक्रम मनाया गया जिसमें रिफ्लेक्शन भोपाल ने किया हास्य नाटक टैक्स फ्री का मंचन
सागर। शनिवार को समाज भवन में नया वर्ष का उत्सव मनाया गया जिसमें कौशल भाई पटेल एवं दिव्या पटेल ने अध्यक्षता की, विशेष अतिथि जितेंद्र भाई पटेल, जेसमाबेन पटेल, मनोज भाई पटेल, मंजुलाबेन पटेल थे, महासचिव चंद्रकांत पटेल ने कहा, समाज एकता के साथ रहे एवं समाज को नए वर्ष की बधाई दी।
समाज के अध्यक्ष अरविंद भाई पटेल, उपाध्यक्ष सुनील भाई पटेल एवं पोपट भाई दरजी कारोबारी सदस्य सीरीज भाई अमीन, जयेन्द्र भाई पटेल, महेंद्र भाई साहब वगैरा उपस्थित रहे श्रीगुजराती समाज द्वारा नए वर्ष आयोजन मे ‘द रिफ्लेक्शन सोसायटी फॉर परफोर्मिंग आर्ट एंड कल्चर’ भोपाल द्वारा तनवीर अहमद के निर्देशन मैं मराठी लेखक डॉ.चंद्रशेखर फणसलकर लिखित,एवं विदुला गोरे द्वारा अनुवादित नाटक “टैक्स-फ्री”का सफल मंचन हुआ,नाटक मे जीवन के पल को खुलकर जीना ही असली जीवन है। साथ ही जिंदगी की लाचारियों से आगे बढ़कर जीवन के हर लम्हे को छोटी-छोटी खुशियों से समेटकर हर पल का लुत्फ उठाने का भी इस प्रकार हंसी के ठहाकों के बीच नाटक मैं मानवीय संवेदनाओं के साथ-साथ सामाजिक ताने-बाने को समझाने का प्रयास किया गया गया है।
नाटक की कहानी चार अंधों पर आधारित है, जो जन्मांध नहीं, बल्कि किसी ना किसी दुर्घटनावश अंधे हो गए हैं। वे अंधों की तरह लाचार ना होकर मनोरंजन से भरी जिंदगी जीते हैं।नाटक की कहानी ब्लाइंड मेन्स क्लब से शुरू होती है, जहां कुछ फीस देकर नेत्रहीनों का मनोरंजन किया जाता है। क्लब चलाने वाला मास्टर भी अंधा होता है इसलिए वह क्लब का मुख्य द्वार इस तरह बनाता है कि कोई दूसरा व्यक्ति न हो। वे अपने अंधेपन का फायदा नहीं उठा सकते, इसलिए मुख्य दरवाजा फर्श से 5 फीट ऊंचा है। दरवाजे की ओर एक सीढ़ी ऊपर जा रही है, जैसे ही दरवाजे का कुआं बजता है, क्लब में प्रवेश करने वाले व्यक्ति की दृष्टिहीनता की जांच की जाती है।नाटक में अंधा व्यक्ति सदाशिव काले दूसरे अंधे व्यक्ति जगताप से कहता है कि बच्चे के उपनयन समारोह से कुछ देर पहले ही उसने अचानक उसे देखना बंद कर दिया।कुछ देर बाद क्लब की डोर बेल बजती है और श्याम अंदर आता है। गेट से निकलते ही श्याम नीचे गिर जाता है। सभी मिलकर उसे बताते हैं कि ब्लाइंड मेन्स क्लब में एक नए साथी का स्वागत है।
इन कलाकारों ने किया अभिनय
रघुनाथ जगताप – अर्शिन खान
विट्ठल पंढ़रपुर- अमित पाण्डेय
केंजले मास्टर – डायमंड सोनी
सदाशिव काले – रितिक यादव
सोनावणे- कुणाल चावड़ा
मंच परे,मंच व्यवस्थापक – शुभम राय
मंच परिकल्पना – दिनेश नायर
प्रकाश – तनवीर अहमद
मंच निर्माण – कुणाल चावड़ा ,उन्नीत चौरसिया ,अमित पाण्डेय ,मयंक दीक्षित संगीत संचालन – उन्नीत चौरसिया, मयंक दीक्षित,निर्देशकीय सहयोग- डॉ.नाहिद तनवीर