गौर उत्सव: लोकवाद्य, लोक नृत्य, प्रहसन और मूक अभिनय में प्रतिभागियों ने दी कलात्मक अभिव्यक्ति

लोकवाद्य, लोक नृत्य, प्रहसन और मूक अभिनय में प्रतिभागियों ने दी कलात्मक अभिव्यक्ति

सागर। डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 155वें जन्म दिवस के अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मध्य क्षेत्र अंतरविश्वविद्यालयीन युवा उत्सव 2024-25 ‘गौर-गौरव उत्सव’ 26 से 30 नवम्बर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है. इस युवा उत्सव में कुल 955 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. मध्य क्षेत्र के रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय रायसेन, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल, दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, दयालबाग, आगरा, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर, डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा,विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय एवं टेक्नोलॉजी, अयोध्या, महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर, आईटीएम यूनिवर्सिटी, ग्वालियर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल, डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी, भोपाल, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ, ए.के.एस. विश्वविद्यालय, सतना, एकलव्य विश्वविद्यालय, दमोह, लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान ग्वालियर, स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय, खंडवा विश्वविद्यालय के विद्यार्थी इसमें प्रतिभागिता कर रहे हैं.

गिटार, पैड, ड्रम्स पर दीं पाश्चात्य धुनों की प्रस्तुतियां
विश्वविद्यालय के अभिमंच सभागार में वेस्टर्न इंस्ट्रुमेंटल (सोलो) प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने पाश्चात्य धुनों की प्रस्तुति दी और अपनी कला का जादू बिखेरा जिससे माहौल पूरी तरह संगीतमय हो गया। इस प्रतियोगिता में 23 विश्वविद्यालयों ने प्रतिभागिता की. धुनों और लयबद्ध प्रदर्शन ने पूरे सभागार में तालियों की गूँज रही जिसने प्रतिभागियों का उत्साह और बढ़ा दिया।

नगाड़े, बांसुरी, तबला जैसे लोक वाद्य यंत्रों से हुई शानदार प्रस्तुतियां
विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में फोक ऑर्केस्ट्रा प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें का आयोजन किया गया। फोक ऑर्केस्ट्रा लोक संगीत को जीवंत रखने वाली विधा है इस कार्यक्रम में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर ने बुंदेलखंड के लोक धुन वाद्ययंत्रों नगाड़ा, बांसुरी, तबला, आदि से सुसज्जित प्रस्तुति दी. इस प्रतियोगिता में भारतीय सांस्कृतिक विरासत की झलक मिली. भारतीय परंपरा को प्रदर्शित करते हुए कई लोक वाद्य यंत्र के प्रयोग देखने को मिले.

कतरनों से बनाए आकर्षक कोलॉज
विश्वविद्यालय के आचार्य शंकर भवन में कोलॉज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को 2 घंटे समय का आवंटन दिया गया जिसमें उन्हें अखबार की कतरनों और वेस्ट कागज से कोई सुसज्जित पोर्ट्रेट बनानी थी. राजा मान सिंह तोमर विश्वविद्यालय ग्वालियर ने भगत सिंह का चित्रण किया. नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगकी विश्वविद्यालय ने एक समुद्र के किनारे का दृश्य का चित्रण किया. निर्णायक के रूप में सुमन कुमार सिंह, डॉ. सृष्टि शास्त्री, डॉ प्रीत कोहली उपस्थित रहे.

बदलते मानवीय संबंध, लैंगिक भेदभाव, अपराध और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को रेखांकित किया
विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में स्किट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कुल 16 प्रस्तुतियां हुईं जिनमें विभिन्न विश्वविद्यालयों ने सामाजिक मुद्दों पर हास्य प्रस्तुति दी. एकेएस विश्वविद्यालय सतना ने भ्रष्टाचार पर तंज किया। देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम रील्स बनाने और देखने वालों पर हास्य के साथ व्यंग किया। जागरण लेक सिटी भोपाल ने एक वेश्या की बेटी को शिक्षा दिलाने के लिए संघर्ष का चित्रण किया। बरकतुल्ला विश्वविद्यालय भोपाल ने शिक्षा, बेरोजगारी और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार जैसे मुद्दों पर सरकारों और मीडिया के तौर तरीकों पर व्यंग्य किया। इसके अलावा स्वच्छता अभियान, महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे अपराध व भेदभाव, बदलते मानवीय सम्बन्ध, माँ की ममता और स्नेह, जंगल की सियासत और राजनैतिक हथकंडे, सरकारी विभागों के कार्यों के ढुलमुल तरीके इत्यादि विषयों को प्रतिभागियों ने केंद्र में रखा. निर्णायक मंडल में मोहन कांत, राजीव राठौर और श्रीदयाल थे. कार्यक्रम में विवि के पूर्व छात्र हरीश दुबे (पुलिस अधिकारी) और सचिन नायक (टीवी विज्ञापन अभिनेता) भी सम्मिलित हुए। सभी का सम्मान डॉ. अल्ताफ मुलानी द्वारा किया गया।

प्रतिभागियों ने हाथों में रचीं डिजाइनदार मेहंदी
विश्वविद्यालय के आचार्य शंकर भवन में मेहंदी प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें प्रतिभागियों ने आकर्षक डिजाइन बनाते हाथों में मेहंदी लगाईं. प्रतियोगिता का विषय दुल्हन मेहंदी रखा गया. इस मेहंदी प्रतियोगिता में 16 विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया.
मूक अभिनय से किया सामाजिक मुद्दों और मानवीय संवेदनाओं का चित्रण
विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में मूक अभिनय का आकर्षक प्रदर्शन देखने को मिला। विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने माइम के माध्यम से अपनी भावनाओं और संदेशों को सिर्फ हाव-भाव, शारीरिक हरकतों और चेहरे के भावों के जरिए प्रस्तुत किया। यह प्रदर्शन दर्शकों के लिए विशेष रूप से रोमांचक और यादगार बना। बिना शब्दों के, केवल शरीर की भाषा और चेहरे के उतार-चढ़ाव के जरिए छात्रों ने समाजिक मुद्दों, मानवीय भावनाओं और जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावशाली तरीके से चित्रित किया। इस प्रतियोगिता में 13 विश्वविद्यालयों ने प्रतिभागिता की।
केसरिया बालम पधारो म्हारे देश……….लोकनृत्य की अभिनव प्रस्तुतियों ने समां बांधा
विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में समूह लोक नृत्य की अभिनव प्रस्तुतियां दीं. लोक नृत्य का समय 8 से 10 मिनट था जिसमें किसी इलेक्ट्रॉनिक वाद्य यन्त्र का प्रयोग वर्जित था. प्रतियोगिता के दौरान पूरा गौर प्रांगण दर्शकों से भरा हुआ था. इन प्रस्तुतियों में राजस्थानी, बुंदेली, छत्तीसगढ़ी सहित कई लोक परंपराओं में समूह नृत्य की प्रस्तुतियां दी गईं।
इन प्रस्तुतियों के समय दौरान शहर के गणमान्य नागरिक, विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों एवं उनके परिवार भी उपस्थित रहे. इस प्रतियोगिता में पूर्व विधायक श्रीमती पारुल साहू अतिथि के रूप में पधारीं जिनका शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह से स्वागत किया गया. इस अवसर उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि युवा उत्सव युवाओं की रचनात्मक और सृजनात्मक गतिविधियों में सम्मिलित होने का अवसर उपलब्ध कराता है. उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि डॉ. गौर ने शिक्षा के लिए इतना बड़ा दान दिया जिससे आज यह विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित है. मैं एक ऐसे महान पुरुष को भारत रत्न दिए जाने की अपील करती हूँ और समाज से आवाह्न करती हूँ कि ऐसे महान दानवीर, शिक्षाविद और समाज सुधारक को भारत रत्न दिलाने की मुहिम में शामिल हों.

30 नवम्बर को विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण युवा उत्सव का समापन समारोह आयोजित है जिसमें सभी विधाओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार, मेडल और स्मृति चिन्ह प्रदान किये जायेंगे।

 

चैनल हेड गजेंन्द्र ठाकुर- 9302303212

 

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