बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत पर बड़ा खुलासा,साइक्लोपियाजोनिक एसिड बना जानलेवा कारण

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत पर बड़ा खुलासा,साइक्लोपियाजोनिक एसिड बना जानलेवा कारण

उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले हफ्ते तीन दिन के अंदर हुई 10 हाथियों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। हाथियों की मौत कोदो बाजरा में साइक्लोपियाजोनिक एसिड पाए जाने से हुई है। फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार कोदो बाजरा में साइक्लोपियाजोनिक एसिड पाया गया है। इसे खाने से ही हाथियों की मौत हुई है।

एपीसीसीएफ वन्य प्राणी एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि केंद्र सरकार के आईवीआरआई (Indian Veterinary Research Institute), बरेली (उत्तर प्रदेश) की टॉक्सिकोलॉजिकल रिपोर्ट के अनुसार, हाथियों ने बड़ी मात्रा में खराब कोदो पौधे / अनाज खाए हैं। रिपोर्ट में आस-पास के क्षेत्रों में ध्यान रखने के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है।

इधर, हाथियों की मौत पर कांग्रेस, राज्य सरकार और वन मंत्री रामनिवास रावत पर हमलावर है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप है कि हाथियों को जहर दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने क्षेत्र के रिसॉर्ट संचालकों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। हाथियों की मौत के मामले की जांच के लिए दिल्ली से आई टीम बांधवगढ़ में डेरा डाले है। टीम के सदस्य घटना के कारणों की बारीकी से जांच कर रहे हैं।
कमलनाथ बोले-सरकार मौत का कारण नहीं बता पाई

कमलनाथ ने सोशल मीडिया X पर लिखा- ‘बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 10 हाथियों की मृत्यु को करीब एक हफ्ता बीत चुका है, लेकिन दोषियों को पकड़ना तो दूर मध्यप्रदेश सरकार अब तक हाथियों की मृत्यु के कारण को भी स्पष्ट नहीं कर सकी है। यह अत्यंत चिंता का को भी स्पष्ट नहीं कर सकी है। यह अत्यंत चिंता का विषय है।

कमलनाथ ने आगे कहा- एक तरफ तो वन्य जीवों का जीवन खतरे में है, दूसरी तरफ यह भी दिखाई देता है कि मध्यप्रदेश का वन विभाग, वन्य प्राणियों की रक्षा करने में पूरी तरह असमर्थ है। प्रदेश की जांच एजेंसियां या तो पूरी तरह अकर्मण्य हैं या फिर उनके पास इतनी सुविधा ही नहीं है कि वे हाथियों की मृत्यु की उचित जांच कर सकें।’ पटवारी का आरोप- हाथियों को जहर दिया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि हाथियों को जहर दिया गया। मौत का कोई अभियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि हाथियों को जहर दिया गया। मौत का कोई अभियुक्त है, तो वो सरकार और वन विभाग है। ये तो पता चली मौतें हैं, हाथियों की इसके अलावा भी और मौत होती रहती हैं, जो पता नहीं चलती। वन्यजीवों को लेकर सरकार सिर्फ बजट पास करती है और उसका करप्शन करती है।’

वन मंत्री रामनिवास रावत का इस्तीफा मांगा पटवारी ने कहा, ‘इसमें वन मंत्री का भी इस्तीफा ले लो, रामनिवास रावत को भी जिम्मेदार ठहरा दो। वो उधर चुनाव में व्यस्त हैं, इधर हाथियों की हत्या हो रही है। भारतीय जनता पार्टी का जो पाखंड है, इसे जनता समझे। अगर ये इस्तीफा नहीं लेंगे तो विजयपुर की जनता और कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता उनको पद से हटा देगा। विधायक ही नहीं रहेंगे, तब तो हटाएंगे कि नहीं हटाएंगे।

पटवारी ने कहा- मोहन यादव से मेरा आग्रह है कि आप वन मंत्री का इस्तीफा लो, क्योंकि हाथियों की हत्या हुई है। या हम इनको चुनाव में 13 तारीख को वोट डाल के 23 तारीख को हटा देंगे।’
नेता प्रतिपक्ष बोले- वहां रिसोर्ट किसके, जांच हो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा,

” हाथियों की मौत क्यों हुई। वहां पर आसपास जितने रिसोर्ट हैं, मुझे ऐसी जानकारी मिली कि रिसोर्ट के जो मालिक हैं, ये लोग नहीं चाहते कि वहां पर हाथी रहें। अगर कोदो-कुटकी खाने से मौत होती तो वहां आदिवासियों के गाय, बैल और बकरी भी खाते और मरते। सिर्फ हाथी क्यों मरे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री तो गणपति जी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वह कौन से भगवान पर ध्यान दे रहे हैं, यह मुख्यमंत्री बताएं, मुख्यमंत्री जी मौन हैं।’

उन्होंने कहा, ‘बांधवगढ़ क्षेत्र में रिसोर्ट संचालकों की जानकारी मिली है कि उनको हाथियों के कारण नुकसान होता है, उनकी फेंसिंग को भी नुकसान होता है। यह बड़ी साजिश है, किस-किस के वहां पर रिसोर्ट हैं, कौन बीजेपी से जुड़ा है, उस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए।’ 4 दिन से जांच में जुटे दिल्ली से आई टीम के सदस्य इधर, हाथियों की मौत की सूचना के बाद दूसरे दिन केंद्र सरकार की ओर से वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) नई दिल्ली ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है। इस जांच टीम में पांच अधिकारी शामिल किए गए हैं, जो जॉइंट डायरेक्टर डॉ. कृपाशंकर के नेतृत्व में बांधवगढ़ पहुंचे हैं। पांच दिन से इस टीम के चार सदस्य बांधवगढ़ में ही रुककर जांच कर रहे हैं। यह टीम पता कर रही है कि कहीं हाथियों को जहर देकर तो नहीं मारा गया है।

हाथियों की मॉनिटरिंग के लिए अलग टीम

अपर मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि टाइगर रिजर्व में 6 विशेष दल बनाकर स्वस्थ हाथियों की मॉनिटरिंग की जा रही है। खितौली रेंज के बगदरा बीट में रेस्क्यू किए गए हाथी की वन्य-प्राणी चिकित्सकों द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। कृष्णमूर्ति ने बताया कि मानव-हाथी द्वंद्व एवं वन्य-प्राणी प्रबंधन के लिए हाथियों के मूवमेंट क्षेत्रों से लगे गांवों में मुनादी कराई जा रही है। साथ ही प्रबंधन को मजबूत करने के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मुख्य वन संरक्षक शहडोल द्वारा 35 स्टाफ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। डॉ. अनुपम सहाय को फील्ड डायरेक्टर बनाया डॉ. अनुपम सहाय को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया में वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक पद पर अस्थाई रूप से पदस्थ किया गया है। वे अभी वन संरक्षक, शिवपुरी वन वृत्त के पद पर हैं। बता दें कि हाथियों के मौत के बाद सीएम ने रविवार को लापरवाही बरतने वाले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और पनपथा एसडीओ फतेह सिंह निनामा को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे।

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