शारदीय नवरात्रि 2024: अष्टमी और नवमी तिथि पर असमंजस, जानें सही व्रत की जानकारी
इस साल शारदीय नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथियों को लेकर भक्तों के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस बार नवरात्रि का शुभारंभ 3 अक्टूबर को हुआ और दशहरा, यानी विजयादशमी, 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। वहीं अष्टमी का व्रत 11 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जाएगा।
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, अष्टमी तिथि शुक्रवार सुबह 06:52 बजे तक ही रहेगी, जिसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। ऐसे में सवाल उठता है कि नवमी कब मनाई जाएगी और किस दिन व्रत तोड़ा जाए। नवमी तिथि का शुभारंभ 11 अक्टूबर की सुबह अष्टमी के तुरंत बाद हो जाएगा, और यह 12 अक्टूबर की सुबह 06:52 बजे तक रहेगी।
व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए क्या सही है?
अष्टमी और नवमी का व्रत रखने वाले भक्त इस साल असमंजस में हैं कि व्रत किस दिन रखा जाए और किस दिन तोड़ा जाए। ज्योतिष के अनुसार, 10 अक्टूबर को सप्तमी तिथि दोपहर 12:30 बजे तक रहेगी, उसके बाद अष्टमी तिथि आरंभ होगी, जो 11 अक्टूबर की सुबह 06:52 बजे तक रहेगी। व्रत का पारण नवमी तिथि के सूर्योदय के बाद करना चाहिए, इसलिए व्रत 12 अक्टूबर को सुबह 06:52 बजे से पहले तोड़ना उचित माना गया है।
अष्टमी-नवमी का व्रत इस बार 11 अक्टूबर को रखा जा सकता है, क्योंकि यह अष्टमी तिथि नवमी तिथि के साथ मेल खाती है। दशहरा 12 अक्टूबर को सुबह 06:52 बजे के बाद मनाया जाएगा। ज्योतिष के अनुसार, यह वर्ष कुछ विशेष है क्योंकि अष्टमी और नवमी दोनों ही तिथियां एक ही दिन आ रही हैं, जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
नवरात्रि व्रत के शास्त्रीय महत्व
नवरात्रि का अष्टमी और नवमी व्रत हिंदू धर्म में अत्यधिक शुभ और पुण्यकारी माना जाता है। इस व्रत को लेकर मान्यता है कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से उपवास रखते हैं और माता का पूजन करते हैं, उन्हें समृद्धि, सुख, और शांति की प्राप्ति होती है।