सरकार की आलोचना पर गिरफ्तारी नहीं’, पत्रकारों के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त संदेश
सागर। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि एक पत्रकार की रचना को सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाता है, लेखक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए।उत्तर प्रदेश सरकार पर जातिगत पक्षपात का आरोप लगाने वाले एक लेख के बाद गिरफ्तारी की आशंका जताने वाले लखनऊ के पत्रकार अभिषेक उपाध्याय को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि एक पत्रकार की रचना को सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाता है, लेखक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए। उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, “लोकतांत्रिक देशों में अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है। पत्रकारों के अधिकार संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सुरक्षित हैं।”