मध्यप्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ते के बढ़ने का इंतजार, 9 महीने का एरियर काटने की आशंका
मध्यप्रदेश के लगभग 10 लाख अधिकारी, कर्मचारी और पेंशनर्स इस समय महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) को लेकर राज्य सरकार के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के डीए में 3 प्रतिशत की वृद्धि के बाद अब राज्य सरकार पर भी डीए बढ़ाने का भारी दबाव है। इसी बीच, महंगाई भत्ते से जुड़ी एक खबर ने कर्मचारियों और अधिकारियों को चिंतित कर दिया है। ऐसी अटकलें हैं कि मध्यप्रदेश सरकार डीए में बढ़ोतरी तो करेगी, लेकिन छत्तीसगढ़ की तर्ज पर 9 महीने का एरियर काटकर यह लाभ दे सकती है।
मध्यप्रदेश के कर्मचारी संगठन लंबे समय से केंद्र सरकार के समान डीए की मांग कर रहे हैं। राज्य और केंद्र के डीए में पहले 4 प्रतिशत का अंतर था, लेकिन केंद्र द्वारा 3 प्रतिशत डीए बढ़ाने के बाद यह अंतर 7 प्रतिशत हो गया है। राज्य के कर्मचारी और अधिकारी न केवल डीए में इस वृद्धि की मांग कर रहे हैं, बल्कि जनवरी 2024 से देय एरियर की भी उम्मीद कर रहे हैं। पिछले 10 महीनों से कर्मचारी केंद्र के समान डीए की मांग पर अड़े हुए हैं, लेकिन अब उनके बीच छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले ने चिंताएं बढ़ा दी हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में अपने कर्मचारियों के डीए में 4 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है, लेकिन यह लाभ 1 अक्टूबर 2024 से लागू किया जाएगा, जबकि यह 1 जनवरी 2024 से देय था। इस फैसले के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने 9 महीनों का डीए एरियर बचा लिया है। इस कदम ने मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को भी आशंकित कर दिया है कि राज्य सरकार इसी तरह का निर्णय ले सकती है, जिससे उन्हें 9 महीने के एरियर का नुकसान हो सकता है।
राज्य के कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अगर मध्यप्रदेश सरकार भी 9 महीने का एरियर काटकर महंगाई भत्ता बढ़ाती है, तो इससे कर्मचारियों और अधिकारियों को बड़ा आर्थिक नुकसान होगा। वहीं, राज्य सरकार से यह उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द ही डीए में वृद्धि की घोषणा करेगी, खासकर जब दिवाली पर कई अन्य राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के लिए डीए बढ़ाया है।
अब देखना यह है कि मध्यप्रदेश सरकार कर्मचारियों की मांगों और आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए कब और कैसे महंगाई भत्ते में वृद्धि करती है, और क्या यह छत्तीसगढ़ की तरह 9 महीने का एरियर काटकर किया जाएगा या नहीं। कर्मचारियों के बीच फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है।