कैलाश विजयवर्गीय बोले : “बंटोगे तो कटोगे”, डेमोग्राफी पर जताई चिंता
इंदौर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को एक गरबा महोत्सव के दौरान देश की डेमोग्राफिक स्थितियों पर चिंता जताई और जोर देकर कहा कि देश को तुष्टिकरण की राजनीति से बचना होगा। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन करते हुए कहा, “योगी जी ने सही कहा है कि बंटोगे तो कटोगे। आने वाले 25 साल हमारे बच्चों के लिए खतरनाक हो सकते हैं अगर हम सतर्क नहीं हुए।”
डेमोग्राफिक बदलावों पर चिंता
विजयवर्गीय ने कहा, “देश में डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है और कुछ राजनीतिक दल तुष्टिकरण की नीति के जरिए अशांति फैलाने वालों को संरक्षण दे रहे हैं। यह बेहद जरूरी है कि हम सनातन धर्म के साथ चलें और अपनी परंपराओं को मजबूत करें।”
यह बयान उन्होंने इंदौर में बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती द्वारा आयोजित सादगी गरबा महोत्सव के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता ने यह साबित कर दिया है कि वे विभाजन को अस्वीकार करते हैं। “आप सभी से मेरा निवेदन है कि गंभीरता से विचार करें और एकजुट रहें।”
धार्मिक और आध्यात्मिक शक्ति की महत्ता
विजयवर्गीय ने हिंदू धर्म की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, “हमारे धर्म, परंपरा, आध्यात्मिक शक्ति और धर्म गुरु विश्व में सर्वश्रेष्ठ हैं। अगर कोई देश दुनिया को शांति का मार्ग दिखा सकता है, तो वह भारत है।” उन्होंने कट्टरपंथ के खतरे को रेखांकित किया और कहा कि इसने पूरी दुनिया में अशांति और युद्ध का माहौल पैदा किया है।
गृह युद्ध की चेतावनी
दो महीने पहले विजयवर्गीय ने सामाजिक समरसता कार्यक्रम में देश के भविष्य को लेकर एक चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था, “मैंने एक मिलिट्री के रिटायर ऑफिसर से चर्चा की, जिन्होंने बताया कि 30 साल बाद देश के अंदर गृह युद्ध की स्थिति बन सकती है, अगर हम मौजूदा डेमोग्राफिक बदलावों पर ध्यान नहीं देंगे। हमें हिंदू समाज को मजबूत करने के लिए काम करना होगा।”
विभाजन की राजनीति और अंग्रेजों का प्रभाव
विजयवर्गीय ने वर्तमान समय में देश में जातिगत राजनीति पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोग आज भी अंग्रेजों की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा, “अंग्रेज चले गए, लेकिन उनकी विभाजन की नीति अब भी जिंदा है, जिसे कुछ लोग कुर्सी के लिए बढ़ावा दे रहे हैं। समाज को जातिवाद से मुक्त कर ही हम एक शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।”
विजयवर्गीय के इस बयान ने देश में एक नई बहस छेड़ दी है, जिसमें समाज में एकता और धर्म के प्रति जागरूकता की बात की जा रही है।