ATS और NCB की संयुक्त कार्रवाई में 1800 करोड़ की ड्रग्स बरामद, फैक्ट्री में मेफेड्रोन का अवैध निर्माण
भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बगरोदा गांव के इंडस्ट्रियल एरिया में 1800 करोड़ रुपए से अधिक कीमत की ड्रग्स बरामद की गई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और गुजरात ATS की संयुक्त कार्रवाई में शनिवार को इस फैक्ट्री पर छापा मारा गया, जहां मेफेड्रोन (एमडी) नामक मादक पदार्थ का अवैध निर्माण हो रहा था। इस दौरान 907.09 किलोग्राम मेफेड्रोन (ठोस और तरल रूप में) जब्त किया गया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत 1814.18 करोड़ रुपए है।
फैक्ट्री में छिपा था ड्रग्स का अड्डा
यह फैक्ट्री भोपाल के कटारा हिल्स थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बगरोदा गांव के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित है। खास बात यह है कि गुजरात ATS और NCB की इस बड़ी कार्रवाई की भनक मध्यप्रदेश के खुफिया विभाग को नहीं लगी। फैक्ट्री में मेफेड्रोन बनाने का काम चल रहा था, जिसके लिए 5 हजार किलोग्राम से अधिक का कच्चा माल और उपकरण मिले। इनमें ग्राइंडर, मोटर, ग्लास फ्लास्क और हीटर जैसी सामग्रियां शामिल थीं, जिन्हें जांच के लिए जब्त कर लिया गया है।
गुजरात ATS और NCB की संयुक्त कार्रवाई
गुजरात ATS के डीएसपी एस. एल. चौधरी ने बताया कि यह सूचना मिली थी कि भोपाल का अमित चतुर्वेदी और महाराष्ट्र के नासिक निवासी सान्याल बाने बगरोदा में स्थित फैक्ट्री की आड़ में मेफेड्रोन का अवैध निर्माण कर रहे हैं। करीब डेढ़ महीने की निगरानी के बाद 5 अक्टूबर को ATS ने दिल्ली NCB के साथ मिलकर फैक्ट्री पर छापा मारा।
गिरफ्तारी और आरोपी की पृष्ठभूमि
छापे के दौरान आरोपी अमित चतुर्वेदी (57 वर्ष) और सान्याल बाने (40 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि यह फैक्ट्री 6 महीने से किराए पर ली गई थी, और इतने ही समय से रोजाना 25 किलो ड्रग्स का निर्माण किया जा रहा था। मुख्य आरोपी सान्याल बाने इससे पहले 2017 में महाराष्ट्र के अंबोली पुलिस स्टेशन इलाके में 1 किलो मेफेड्रोन के साथ गिरफ्तार हो चुका है, जिसके चलते उसे पांच साल की जेल हुई थी। जेल से रिहा होने के बाद उसने फिर से इस अवैध धंधे में कदम रखा और अमित चतुर्वेदी के साथ मिलकर ड्रग्स का निर्माण शुरू किया।
भोपाल की फैक्ट्री में हो रहा था ड्रग्स का निर्माण
जांच में पता चला कि इस फैक्ट्री को भोपाल के ए. के. सिंह के नाम से किराए पर लिया गया था, और यहां पिछले छह महीनों से मादक पदार्थ का निर्माण हो रहा था। NCB और ATS की टीम ने छापेमारी के बाद फैक्ट्री से मिले सभी सामान को जब्त कर लिया है, और आरोपियों को लेकर जांच के लिए रवाना हो गई है।
इस मामले की जांच अभी जारी है, और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस ड्रग्स को और कहां-कहां सप्लाई किया जा रहा था।