MP में 1 अक्टूबर को किसान संगठनों का चक्काजाम

MP में 1 अक्टूबर को किसान संगठनों का चक्काजाम

मप्र में सोयाबीन के दाम 6 हजार से 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल किए जाने को लेकर अलग-अलग किसान संगठन और राजनैतिक दल आंदोलित हैं। बुधवार को भोपाल के एमएलए रेस्ट हाउस में हुई किसान संगठनों की बैठक में एक अक्टूबर को मप्र के सभी हाईवे पर चक्काजाम करने का ऐलान किया गया था। इसे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित बंद बताया गया था। अब इस बंद को लेकर किसान संगठनों में ही ठन गई है।

18 सितंबर को भोपाल में संयुक्त किसान मोर्चा के नाम से हुई बैठक में 36 संगठनों के शामिल होने का दावा किया गया। इस बैठक में यह तय हुआ कि 1 अक्टूबर को गांवों से लेकर नगरों को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों पर चक्काजाम किया जाएगा। इस ऐलान के बाद डॉ सुनीलम की मौजूदगी में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने वीडियो जारी कर इस जाम में शामिल होने से इंकार किया है।

टिकैत बोले- 1 अक्टूबर के बंद में SKM शामिल नहीं संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने वीडियो जारी कर कहा- मप्र में सोयाबीन के आंदोलन

के संबंध में कुछ लोगों ने यह घोषित कर दिया है कि 1 अक्टूबर को चक्काजाम होगा। लेकिन, उसमें संयुक्त किसान मोर्चा शामिल नहीं होगा। संयुक्त मोर्चे ने यह निर्णय लिया है। हमारे जो घटक दल हैं वो इस बंद और चक्काजाम में शामिल नहीं होंगे। संयुक्त मोर्चे के घटक दलों में और हमारे आंदोलन में डॉ सुनीलम, अनिल यादव और बहुत सारे संगठन, बहुत सारे घटक दल हैं। उनका ये फैसला नहीं हैं। सोयाबीन की MSP बढ़ाए सरकार

टिकैत ने कहा- हमने डिमांड की है कि साढ़े तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल से 4 हजार रुपए क्विंटल सोयाबीन की खरीद हो रही है। मप्र में 48 सौ रुपए क्विंटल एमएसपी है। 12 साल पहले ये रेट हुआ करते थे। पांच-छह साल पहले आठ दस हजार रुपए क्विंटल सोयाबीन बिकी है। रेट कम हैं सरकार तुरंत संज्ञान ले और रेट बढ़ाने का काम करे। 1 अक्टूबर को हमारा संयुक्त मोर्चा का बंद का कोई कार्यक्रम नहीं हैं।

टिकैत बोले- मप्र में जब किसान बुलाएंगे तब आ जाउंगा

संयुक्त किसान मोर्चा मप्र के प्रभारी और पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने टिकैत से कहा- मप्र में सोयाबीन के दाम 6 से 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। आपको (राकेश टिकैत) को बुलाने की मांग हो रही है। सुनीलम की बात पर राकेश टिकैत ने कहा- मप्र में जब भी वहां के किसान, संयुक्त किसान मोर्चा बुलाएगा, जहां प्रोग्राम रखेंगे हम वहां पर आएंगे। किसान मोर्चे, संयुक्त मोर्चे के कार्यालय से ले सकते हैं। हम मप्र के किसानों के बीच में हैं आगे भी रहेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के नाम से हुई थी भोपाल में बैठक संयुक्त किसान मोर्चा मप्र के सदस्य इरफान जाफरी ने राकेश टिकैत के बयान के बाद कहा- मप्र के किसान सोयाबीन के दाम 6 हजार की मांग को लेकर गांव-गांव में आंदोलन कर रहे हैं। गांव में पंचायत सचिव को सात-आठ हजार पंचायतों में ज्ञापन दिए। किसानों ने तहसील और जिलास्तर पर 38 ट्रैक्टर रैली की। आंदोलन को और गति देने के लिए 18 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चे की भोपाल में हुई बैठक में 36 संगठनों ने भाग लिया। कुछ पॉलिटिकल लोग आंदोलन को हाईजैक करना चाहते हैं

जाफरी ने बताया कि 18 सितंबर की बैठक में यह निर्णय हुआ कि इस आंदोलन को गति देने के लिए भाव दो आंदोलन शुरू किया जाए। इसके तहत 24 सितंबर से 30 सितंबर तक गांवों में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 1 अक्टूबर को गांवों और नगरों को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों पर चक्काजाम किया जाएगा। इस आंदोलन को हाइजैक करने के उद्देश्य से कुछ राजनैतिक महत्वाकांक्षी लोग इसका नेतृत्व करना चाहते थे। 36 किसान संगठनों ने उसे खारिज कर दिया। ये लोग दिल्ली जाकर संयुक्त किसान मोर्चा के लोगों को अपनी राजनीतिक इच्छापूर्ति के लिए भ्रमित करने का काम कर रहे हैं।

एक अक्टूबर को हाईवे जाम करने का प्लान संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक करके आगामी आंदोलन कि रणनीति तय कि जिसके तहत 24 से 30 सितंबर तक प्रत्येक गांव में मशाल जुलूस निकाला जाएगा उसके बाद 1 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में तहसील व जिला स्तर पर 12 से 3 बजे तक स्टेट व नेशनल हाईवे पर चक्का जाम किया जाएगा इसके पश्चात भी यदि सरकार ने किसानों की मांग नहीं मानी तो भोपाल राजधानी का घेराव किया जाएगा।

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