मुनिश्री सुधा सागर जी के सानिध्य में 31 वां श्रमण संस्कृति शिविर का आयोजन दिनांक 8 सितंबर से सागर में

 

सागर। आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी मुनिराज के परम प्रभाबक शिष्य जगत पूज्य मुनि श्री सुधा सागर जी महाराज के सानिध्य में 31 वा श्रमण संस्कृति शिविर का आयोजन दिनांक 8 सितंबर से 17 सितंबर तक सागर में होने जा रहा है जिसमें लगभग 5000 शिविरार्थी इस आयोजन में देश विदेश से सम्मिलित होंगे इस समय आश्चर्य की बात यह है कि देश के भामाशाह अशोक पाटनी आदि प्रमुख श्रावक भी इस शिविर में शिविरार्थी के रूप में सम्मानित हो सकते है सभी शिवरार्थी की आहार व्यवस्था सागर नगर में प्रत्येक दिगंबर जैन परिवार में होगी इन सभी शिवरार्थी के भोजन व्यवस्था हेतु 8 संयोजक की टीम में विनीत मोदी, पराग स्टूडेंट, नीरज जी ,सुनील जी ,सपन जी मनीष नायक टोनी केसली दिन रात मेहनत करके प्रत्येक घर,मंदिर जाकर शिवरार्थी भोजन संकल्प फार्म भरवा रहे हैं इस कार्य में सागर के सभी 64 मंदिर के प्रभारी सहयोग कर रहे हैं समाज के प्रत्येक वर्ग से निवेदन है शीघ्र ही फॉर्म भरकर जमा करें इस पुनीत कार्य में सकल दिगंबर जैन समाज की सहयोग की आवश्यकता है।

परिवार मेरे साथ नहीं रहता है मैं परिवार के साथ रहता हूँ : निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज

धन तो सब चाह रहे हैं लेकिन तरीके इतने भिन्न है कि एक धन कमाकर सेठ बन जाता है और एक धन कमाकर डाकू बन जाता है। दोनों की दृष्टि धन पर है लेकिन वह धन से प्रभावित होते ही किसी की तिजोरी में पैसा देखा और मन ललच जाता है। जब जब तुम किसी के पास कोई संपत्ति देखकर उसे हांसिल करने का भाव करोगे तो तुम्हें डाकू बनना पड़ेगा। धन देखकर धन से प्रभावित होना बुरी चीज नहीं थी, धन को देखकर वो धन मुझे कब मुझे मिली यह बुरी आदत थी।

मन ललचने का अर्थ है यह वस्तु मुझे मिल जाए, समझ लेना तुम्हें उसको पाना है तो डाकू बनना पड़ेगा, दूसरा एक तरीका है उस धन को पाने के लिए शकुनि मामा बनना पड़ेगा, जुआ खेलना पड़ेगा। डाकू सामने वाले का नाश करके धन प्राप्त करता है और जुआ धन वाले का नाश नही करता, पांसे फेंककर धन ले लेता है। दूसरे और तरीके में सामने वाले का वीक पॉइंट देखकर के उसको धन को अपने हवाले करा लेना।

ऐसा ही तुमने किसी धर्मात्मा को देखा, सिद्ध, अरिहंत, मुनियों को देखा, तुम्हारी मन में उस धनी के समान भाव आया कि मैं भी एक दिन भगवान बनूँगा। वहाँ धन पाने का लालच आया, ऐसे ही यहाँ धर्म की महिमा सुनी तो मन ललच गया कि यदि धर्म मेरे पास आ जायेगा तो मैं संसार की हर वस्तु प्राप्त कर लूँगा। मैं मंदिर जाऊंगा दान करूंगाज़ पूजा करूंगा, व्रत करूंगा तो मुझे बहुत इज्जत मिलेगी, शान शौकत मिलेगी और संसार की सर्वश्रेष्ठ वस्तु मिलेगी। ऐसा ललचानने के बाद वहां तो डाकू बना था और यहाँ डाकू साधु बन गया। धन का लोभी सीधा डाकू बनता है और कभी-कभी धन चुराने के लिए डाकू भी साधु बन जाता है।

जब जब भक्त के मन में आया कि मेरा मंदिर है, यह मेरे भगवान है, समझ लेना भाई भक्त नहीं रहा गुंडा बन गया। वह निडर होकर जाएगा, जो चाहे वह करेगा क्योंकि वह उस मंदिर का अध्यक्ष है, ये अंग्रेजों की दिन है, पहले कोई मंदिर का अध्यक्ष, कमेटी नहीं होती था, भक्त के भगवान नहीं होते थे, भगवानों का भक्त होता था।

जब तुम्हारे मन में यही भाव आ जाए कि मेरी मम्मी पापा, घर के बड़े लोग मेरे से पूछे बिना कुछ नहीं करते, मेरे बिना घर का पत्ता नही हिल सकता, कोई कुछ नहीं करता, समझ लेना तुम उस घर के सदस्य नहीं, उस घर का गुंडा हो। एक बाजार का गुंडा है जो दूसरों पर गुंडागर्दी करता है, तुम तो महा गुंडे हो जो अपने बाप पर, परिवार पर गुंडागर्दी करते हो। यदि गुंडे बनने की इच्छा हो तो बाजार का गुंडा बन जाना लेकिन कभी परिवार में गुंडा मत बनना।

कभी तुम्हें यह भाव आ गया हो कि मेरे से पूछे बिना घर का व्यक्ति दान भी नहीं दे सकता, ऐसा स्वप्न में भी भाव आ गया हो कभी तो कृपया कर प्रायश्चित कर लेना, यह बहुत बड़ा पाप तुम्हारे मन में आया है। घर में ऐसा माहौल बनाओ कि धार्मिक कार्य करने के लिए मेरे से पूछने की जरूरत नहीं है, हर व्यक्ति स्वतंत्र है।

मेरे माता-पिताज़ मेरे साथ रहते हैं यह पाप वाक्य छोड़ो, यह अनाथ बनने का लक्षण है अगले भाव में तुझे ऐसे गन्दे माता पिता मिलेंगे जो तेरी एक भी सुनने वाले नहीं होंगे, एकदम अनाथ बनोगे। यदि तुमने कभी सपने में कहा कि मम्मी पापा मेरे साथ रहते हैं, घर में मेरी बात के बिना कोई कुछ नहीं कर सकता और इस बात की तुम्हें खुशी और हो जाये, अब तुमने अनाथ बनने का स्वयं को निमंत्रण दे दिया, ऐसे गंदे माता-पिता मिलेंगे कि तुम दो दो दो आंसू रोओगे कि मुझे ऐसा बाप मिला, इसलिए भाषा बदलो परिवार मेरे साथ नहीं रहता है मैं परिवार के साथ रहता हूँ।

आयोजन में प्रमुख रूप से सुरेंद्र जैन सट्टू,सुनील एडिना,विनीत मोदी, कपिल लंबरदार, अजय जैन लंबरदार, शुभम गुल्ली, मनीष बरकोटी,आशु जैन,प्रतीक जैन,अंकुश बहेरिया,पराग स्टूडेंट,सुनील बुदाखेड़ा,नीरज जैन,राहुल तोलिया,सोनू जैन,अजीत जैन व धर्मार्थ से जुड़े अनेक लोग मौजूद रहे।

चैनल हेड- गजेंद्र ठाकुर- 9302303212

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