सागर नगर निगम में मचा घमासान, निगमायुक्त के कन्ट्रोल के बाहर निगम

नगर निगम में मचा घमासान, निगमायुक्त के कन्ट्रोल के बाहर निगम ! कमर्चारी भिड़े आपस में, ज्ञापनबाजी जारी

खबर – गजेंद्र ठाकुर

सागर। बीते कुछ माह से नगर निगम में सब कुछ ठीक नही चल रहा हैं, दो खेमों में बटी निगम और पार्षदगण, ठेकेदारों को अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है चाहे वार्डो के विकास कार्य हो ,निर्माण कार्य, बिल पास के मसले और नामांतरण, एनओसी के प्रकरण आदि हो सब ठंडे बस्ते में नजर आ रहे हैं।

बीते दिन नगर विधायक शैलेन्द्र जैन के साथ अनेक पार्षद भोपाल कूच कर गए थे और विभाग के मंत्री विजयवर्गीय से मुखातिब हुए थे इधर महापौर संगीता तिवारी ने भी अगले दिन पार्षदों के साथ नगर में भृमण कर विकास कार्यो को देखने के बहाने एक संदेश दे दिया। ठीक अगले ही दिन नगर विधायक शैलेन्द्र जैन ने निगम में बैठक कर डाली।

इस सब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थितियां क्या हैं, हमारे सूत्र बताते हैं कि निगमायुक्त राजकुमार खत्री तमाम बैलेंज बनाने में नाकाम साबित हो रहे हैं, अनेक वैधानिक कार्य इसी अखाड़े के चलते लंबित पर लंबित चल रहे हैं जिससे शहर का विकास अधर में झूलता मालूम होता हैं, सूत्र बताते हैं कि निगमायुक्त खत्री का झुकाव विधायक खेमे की ओर अधिक हैं हालांकि श्री खत्री कार्यकुशल अधिकारी मालूम होते हैं छमता से अधिक मेहनत कर विकास कार्यो को बल देना चाहते हैं पर इस अखाड़े में ऐसा होता नही लगता हैं।

ताजा मामले में कमर्चारियों में आपसी विवाद और ज्ञापनबाजी

बीते दिन निगम कमर्चारियों के बीच दो ज्ञापन हुए पहला ज्ञापन सहायक आयुक्त राजेश राजपूत ग्रुप ने दिया जिसमें आरोप लगाए गए हैं कि निगम के वाहन शाखा प्रभारी सईदउद्दीन कुरैसी को निगम कर्मचारी कृष्णकुमार बबलू चौरसिया के द्वारा गालियां दी गयी और जान से मारने की नीयत से मेरी तलाश की जा रही थी में जैसे तैसे दफ्तर से भागा और अपनी जान बचाई, ज्ञापन में अनेक आरोप लगाए गए हैं जिसके निगम नगरपालिका संघ के बैनर तले कलेक्टर, एसपी, प्रमुख सचिव आदि अधिकारियों के नाम पत्र दिया गया।

उधर कृष्णकुमार बबलू चौरसिया ने भी कर्मचारियों के साथ सहायक आयुक्त बघेल को एक ज्ञापन दिया हैं जिसमें माँग की गई है कि सईदउद्दीन कुरैशी और राजेश राजपूत अनायास मेरे काम में हस्तक्षेप कर रहे हैं मुझे कोई आदेश दें तो वो निगमायुक्त दें ये सब कोन होते हैं इन सब की मूल पदस्थापना पर इन्हें बापस भेजा जाए।

बहरहाल राजनेतिक रूप से दो धड़ो में बटी निगम अब कर्मचारियों के भी दो फाड़ होते नजर आ रहे हैं, इस सब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगमायुक्त खत्री किस कदर वेबश नजर आ रहे हैं।

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