दर्द से तड़पती रही प्रसूतिका को छोड़ भागी 108 जननी. फिर निजी ऑटो में जन्मा लाडला लापरवाहीं
सागर के जरूवाखेडा में प्रसुतिकाओ को सुरक्षा के लिए नरयावली क्षेत्र में लगी 108 जननी एम्बुलेंस में बड़ी लापरवाहियां निकलकर सामने आ रही है, जहां प्रसूतिका को सुरक्षित स्वास्थ्य केंद्र छोड़ने की बजाय जल्दबाजी का कहकर 108 जननी एम्बुलेंस CGO4NW8741 प्रसूतिका को दर्द से तड़पती छोड़कर चली गई, जानकारी के अनुसार भैया लाल आदिवासी निवासी नरयावली की पत्नी की डिलीवरी होना थी जहां उन्होंने 108 जननी एंबुलेंस को 5:29 पर फोन लगाया गया, जहां उन्हें सेंटर से एंबुलेंस भेजना की जानकारी दी गई, लेकिन भैया लाल के बताएं अनुसार लगभग सात बार फोन लगाने पर भी मेन रोड पर लकड़ी डिपो के सामने भगवान विष्णु मंदिर की गली के पास 1 घंटे बाद भी 108 जननी एम्बुलेंस नहीं पहुंची, और प्रसूतिका गुड्डी बाई तेज दर्द से तड़पती रही, जिसका पति रोड पर एंबुलेंस के आने की राह देख रहा था जब 6:24 के लगभग 108 एम्बुलेंस क्रमांक CGO4NW8741पहुंची तो उसमें सवार पायलट सुवाय शिव दूसरे केस पर जाने की जल्दबाजी बताने लगा, भैया लाल के बताएं अनुसार दर्द से तड़प रही उसकी पत्नी गुड्डी बाई को घर से बाहर हाथो पर घटिया तक उठाकर नहीं पहुंच पाए, जहा प्रसूूतिक की सास ने बताया कि घटिया तक ले जाते प्रसव होने लगा जहां बच्चा फस गया था, और तेज दर्द से मेरी बहू तड़प रही थी.जहां कपड़े उठाने एवं बहु को ढकाने लगे,तभी ऐसी हालत में एंबुलेंस छोड़कर चली गई फिर हम लोगों ने निजी ऑटो किया और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जरूवाखेड़ा लेकर पहुंचे, जहां पहुंचते पहुंचते रास्ते में ही डिलिवरी हो गई,जिससे सिस्टर मनीषा लारिया ने प्राथमिक उपचार के बाद प्रसूतिका को भर्ती कर लिया. परिजनों ने 108 एंबुलेंस CGO4NW8741 के चालक पर बड़ी लापरवाही के आरोप लगाते हुऐ बताया की अगर बहू की डिलीवरी के दौरान जहां बच्चा फस गया था,जिसके दर्द से बहू भी तड़प रही थी,यदि कोई घटना घट जाती तो कौन होता इसका जिम्मेदार..इस पूरे मामले में 108 नोडल अधिकारी आर के जड़िया से बात की, तो उन्होंने बताया कि यदि इस प्रकार की घटना हुई है तो 108 डिस्ट्रिक्ट मैनेजर को नोटिस भेजा जाएगा,जहां डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अपनी जेईएस कंपनी भोपाल भेजेगा उसके बाद निश्चित तौर पर हटाने की कार्यवाही की जाएगी।