Sagar: निगम का स्वच्छता अभियान कागजों में, सार्वजनिक पेशाब घरों की दुर्गति हैं, एक्सपर्ट डॉ बोले मत जाए

निगम का स्वच्छता अभियान कागजों में, सार्वजनिक पेशाब घरों की दुर्गति हैं

सागर। स्मार्ट सिटी और नगर निगम दोनों की संस्थाना सागर शहर में विधमान हैं, परंतु आम लोगो को इन संस्थाओं का समुचित लाभ मिलता नही दिख रहा हैं, यहां राष्ट्रपति महात्मा गाँधी के चश्में की फ़ोटो स्वच्छता मिशन के बैनरों में तो दिखाई देती पर धरातल पर स्थिति दूसरी ही हैं।
दरअसल स्मार्ट शहर के अंदर बने स्मार्ट प्रसाधन तो पहले ही ताले में बंद जर्जर होने की कगार पर आ चुके है,इसके साथ सार्वजनिक पेशाब घरों की स्थिति भी अत्यंत दयनीय बनी हुई हैं। सागर नगर में एक तो सार्वजनिक ओपन पेशाब घरों की संख्या बेहद कम है, उसपर इनमें फैली गंदगी देखते ही बनती हैं, बेहद गंदगी के शिकार ये पेशाब घर जिनकी सफाई के लिए हर माह बजट तो ढीला हो रहा पर इनकी सफाई नही होती दिखाई दे रही हैं।

एक्सपर्ट कहते हैं- शहर के जाने माने डॉ सुमित रावत का कहना हैं गंदगी में पेशाब करना या सोंच क्रिया करना बेहद घातक हो सकता हैं स्वास्थ्य के लिए, पेशाब से जुडी बीमारियां यूटीआई इंफेक्शन आपको बहुत हद तक हो सकता हैं साथ ही डायरिया जैसी बीमारी से भी पीड़ित हो सकते हैं हमेशा साफ बाथरूम में पेशाब करना चाहिए।

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