मध्यप्रदेश सरकार की नई पहल: रेप पीड़िताओं को मिलेगी दोहरी सुरक्षा और पुनर्वास
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने रेप और अन्य जघन्य अपराधों की शिकार महिलाओं के लिए नई सुरक्षा योजनाओं की घोषणा की है। इसके तहत, पीड़िताओं को नया नाम और पता दिया जाएगा ताकि अपराधी उन्हें परेशान न कर सकें। इसके अलावा, पुनर्वास और पैतृक संपत्ति का हक भी मिलेगा।
राज्य सरकार “विटनेश प्रोटेक्शन स्कीम 2024” भी ला रही है, जो गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। इस योजना के अंतर्गत, आईजी और एसपी को गवाहों और पीड़ितों को पुलिस प्रोटेक्शन देने का अधिकार मिलेगा। एसपी 7 दिन और आईजी 15 दिन तक प्रोटेक्शन दे सकेंगे। यदि सुरक्षा पर खर्च दो लाख रुपए से अधिक होता है, तो इस पर निर्णय गृह विभाग के प्रमुख सचिव या अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी लेगी।
गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा, “नई योजना पीड़िताओं और गवाहों के जीवन-यापन और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है।”
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में मध्यप्रदेश में 3,046 रेप और गैंग रेप के केस दर्ज हुए थे, जिससे राज्य इस श्रेणी में तीसरे स्थान पर रहा। राजस्थान और उत्तर प्रदेश पहले और दूसरे स्थान पर हैं।
केंद्र सरकार ने हाल ही में तीन नए कानून लागू किए हैं जो पुराने अंग्रेजी जमाने के कानूनों की जगह लेंगे। इन नए कानूनों में रेप पीड़िताओं का बयान महिला पुलिस अधिकारी द्वारा दर्ज किया जाएगा, मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के अंदर आनी चाहिए, और आपराधिक मामलों में फैसला 45 दिन के अंदर आना चाहिए।
इस नई पहल से सरकार का उद्देश्य महिलाओं और गवाहों की सुरक्षा को बढ़ाना और अपराधियों को न्याय दिलाना है।