सावन के दूसरे सोमवार को महाकाल के अर्धनारीश्वर स्वरूप के दर्शन
आज सावन का दूसरा सोमवार है। महाकाल के दर्शन पाने के लिए रविवार देर रात 1 बजे से ही भक्त कतारों में लगना शुरू हो गए। जहां तक नजर जा रही है, वहां महाकाल के भक्त दिखाई दे रहे हैं। रात 2.30 बजे भस्म आरती के लिए मंदिर के पट खोले गए। भांग, चंदन, सूखे मेवों और आभूषणों से बाबा महाकाल का अर्धनारीश्वर स्वरूप दिव्य श्रृंगार किया गया। सुबह करीब 9 बजे बारिश शुरू हो गई। बावजूद भक्तों के आने का सिलसिला जा रहा।
सावन के पहले सोमवार को 5 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए थे, आज भी ऐसी ही संभावना है। भस्म आरती में चलत और परमिशन लेकर 15 हजार से अधिक श्रद्धालु ने दर्शन किए। रात 10.30 बजे तक दर्शनों का सिलसिला इसी तरह चलता रहेगा।
शाम 4 बजे सावन की दूसरी सवारी निकाली जाएगी। पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर के स्वरूप में और हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। पहली सवारी में भगदड़ की स्थिति बनने के बाद कलेक्टर नीरज सिंह ने इस बार सवारी में डीजे पर बैन लगा दिया है। हालांकि, सवारी में पहली बार भोपाल पीएचक्यू से 350 जवानों का विशेष पुलिस बैंड शामिल होगा।
इन रूट्स से प्रजा का हाल जानने निकलेंगे महाकाल
मंदिर में शाम 4 बजे पूजा होगी, इसके बाद महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजमान भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) देंगे। भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी मंदिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट पहुंचेगी।
यहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिन पहुंचेगी।