सागर के बादशाह मर्डर केस में आया नया मोड़, आरोपी की उम्र को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

इमरान मर्डर केस में आया नया मोड़, आरोपी की उम्र को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

गजेंद्र ठाकुर ✍️

सागर। चर्चित हत्याकांड में नया खुलासा सामने आया हैं जिसमें पीलीकोठी दरगाह ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष व भाजपा पार्षद नईम खान ने मीडिया को बताया की मेरे पुत्र इमरान खान उर्फ बादशाह की गोली मारकर हत्या करने वाला आरोपी वारदात के समय बालिग था जबकि कार्यवाही के में उसे नाबालिग बताया गया।
दरअसल मुख्य आरोपी मो. इसरार कुरैशी का बेटा मो असरफ उर्फ शमी को वारदात के बाद गोपालगंज पुलिस ने नाबालिग बताया था, वह बालिग निकला है। मृतक के पिता व पत्नी ने काफी स्वयं की खोजबीन के बाद नगर निगम से उसका जन्म प्रमाण पत्र लेने में सफलता हासिल की। अब प्रकरण में बोर्ड गठित हुआ, जिसने आरोपी शमी उर्फ अशरफ की असली जन्म तिथि के आधार पर वारदात के समय उसे बालिग पाया है। इस मामले में मुख्य आरोपी को कोर्ट ने 10 महीने पहले उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आरोपी के खिलाफ अब जिला अदालत में मुकदमा चलेगा।

यह था मामला

29 जुलाई 2021 को सागर के गोपालगंज थाना क्षेत्र में इमरान खान उर्फ बादशाह की गोली मारकर हत्या की गई थी। मामले में पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिला अदालत ने 26 सितंबर 2023 को हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी मो. असरफ को दोषी पाकर धारा 302 में उम्रैकद की सजा सुनाई थी। मामले में इसरार की पत्नी नजमा कुरैशी व पूर्व भाजपा पार्षद शेख रशीद उर्फ बबलू कमानी को साक्ष्यों के अभाव में बरी किया था। इसरार ने अपनी 12 बोर की जिस लाइसेंसी बंदूक से बादशाह को गोली मारी थी, उस पर मेक इन पाकिस्तान लिखा है। गालीगलौज के बाद विवाद बढ़ने से वारदात हुई थी।

गलत तरीके से पेश की गई जन्म तारीख !

मामले में मृतक के पिता नईम खान ने किशोर न्याय बोर्ड के आदेश और अन्य दस्तावेजों के साथ पत्रकारवार्ता में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामले में इमरान की पत्नी शिखा उर्मिल खान ने एसपी से शिकायत की थी। जिसमें बताया था कि आरोपी शमी उर्फ अशरफ बालिग है। उसका जन्म डफरिन अस्पताल में हुआ है और जन्मतिथि 5 जुलाई 2003 है। जिस पर बोर्ड द्वारा आयु की जांच कराई गई। पिता खान ने बताया कि जब मृतक की पत्नी शिखा ने जन्म प्रमाण पत्र के लिए नगर निगम में आरटीआई लगाई तो निगम के अधिकारियों ने जानकारी देने से यह कहते हुए मना कर दिया था परिजनों को ही यह दे सकते हैं। इसके बाद हम लोग निगम से जारी आरोपी शमी उर्फ अशरफ का जन्म प्रमाण पत्र निकालकर लाए और पेश किया। उसमें दी गई जन्म तारीख के आधार पर वारदात के समय वह बालिग था। मार्कशीट में उसकी जन्म तारीख 21 नवंबर 2003, आधार कार्ड में 26 जुलाई 2004 और सोशल मीडिया अकाउंट पर 26 जुलाई 2003 लिखी थी। इस तरह पुलिस और कोर्ट को गुमराह किया गया। पुलिस ने 7वीं की मार्कशीट के आधार पर उसे नाबालिग मानकर केस दर्ज किया, इसलिए मामला किशोर न्यायालय में चल रहा था।
दरअसल बताया जा रहा है कि आरोपी के ही किसी रिश्तेदार ने बताया था कि आरोपी वारदात के समय बालिग था उसने 18 वा जन्मदिन मनाया फेसबुक पर पोस्ट डली हैं, मृतक के पिता पार्षद नईम खान ने छानबीन की इसके बाद आरटीआई लगाने के साथ पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी गई। नईम ने बताया कि अब इस मामले में सुनवाई जिला कोर्ट में होगी। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड में बरी भाजपा पार्षद शेख रशीद उर्फ बबलू कमानी व अन्य के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है।

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