Sagar: सिन्धु संस्कार समिति द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर व्याख्यान व पौधरोपण किया गया

सिन्धु संस्कार समिति द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर व्याख्यान व पौधरोपण किया गया

ख़बर गजेंद्र ठाकुर 9302303212

सागर। शासकीय स्वशासी कन्या स्नातकोत्तर उकृष्टता महाविद्यालय, सागर में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में सिंधु संस्कार समिति का पौधारोपण, व्याखान, सकोरे एवं प्याऊ व्यवस्था जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कन्या महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाइयों एवं सिंधु संस्कार समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में श्रीमती शिखा तिवारी, वन विस्तार अधिकारी मुख्य अतिथि के रूप में उपातिथ थी। विशिष्ठ अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ एम. डी. त्रिपाठी, सिन्धु संस्कार समिति संस्थापक राजेश मनवानी एवं सचिव सुरेश मोहनानी, आवाज़ संस्था सागर से श्रीमती मालती पटेल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से सावंत सिंह मंचासीन रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्था प्राचार्य डॉ आनंद तिवारी ने कहा की विश्व में पानी की नितांत कमी है, ये कमी पर्यावरण संरक्षण के अभाव से उपजी है।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए रेंजर श्रीमती शिखा तिवारी ने कहा कि पारी आवरण से ही पर्यावरण बनता है, आज हमे अपने जीवन में छोटे छोटे बदलाव करते हुऐ पर्यावरण सुरक्षा पर ध्यान देना है। इन प्रयासों से ही पर्यावरण सुरक्षित किया जा सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती मालती पटेल ने कहा कि पौधे है तो पर्यावरण है, पर्यावरण है तो हम जीवित है, एक वृक्ष दस वृक्षों के समान है।आज सामाजिक प्रदूषण को दूर करने की आवश्यकता है। सिन्धु संस्कार समययी के राजेश मनवानी ने कहा की हम अपने आसपास का वातावरण हरा-भरा बनाने का प्रयास करें। स्वयं पौधारोपण करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। वायु, जल, भूमि, पेड़-पौधे, जीव-जंतु, मानव और उनके साथ संबंधित भौतिक परिसर को पर्यावरण कहते हैं। पर्यावरण की गोद में सुंदर फूल, लताएं, हरे-भरे वृक्षों, प्यारे-प्यारे चहचहाते पक्षी हैं जो धरती का श्रृंगार करते हैं। सुरेश मोहनानी ने कहा की पर्यावरण प्रदूषण कोई और नहीं फैला रहा हैं स्वंय मानव ही तो इसका पहला और अंतिम कारक है। इसलिये मानव के हित के लिये, वह स्वयं जितनी जल्दी पर्यावरण के सुधार के लिए होश में आएं ये उतना ही अच्छा सिद्ध होगा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संगठक सावंत सिंह ने जल संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किए, आपने कहा जीवन का आधार जल है, वृक्ष नही होंगे तो वर्षा नहीं होंगी। वर्ष के अभाव में हमे जल कहा से मिलेगा, अतः की महत्ता को समझना आवश्यक है।
छात्रा नेहा पटेल ने कहा कि विचारो के लिए अभिव्यक्ति तथा अभिव्यक्ति के लिए आधार चाहिए। हमारा शरीर पंच तत्वों से बना है, जो की पर्यावरण का जीता जागता उदाहरण है।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए सागर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ एम. डी. त्रिपाठी ने पर्यावरण की महत्व को समझने की आवश्यकता पर बल दिया। आपने कहा कि एक समय में श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी ने चिपको आंदोलन का खूब प्रचार किया था, जिसका आशय यह था कि पर्यावरण प्रेमी वृक्ष से लिपटकर कहते थे कि चाहे हमको काट दो किंतु वृक्ष को मत काटो।
रासेयो के इस प्रभावशील कार्यक्रम का मंच संचालन इकाई प्रथम के कार्यक्रम अधिकारी डॉ सरिता जैन एवं आभार इकाई द्वितीय की कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती अश्विनी सूर्यवंशी द्वारा किया गया।
विश्व पर्यावरण दिवस के इस उपलक्ष्य में राजेश मनवानी द्वारा महाविद्यालय को पौधे एवं सकोरे भेंट किए गए जीने महाविद्यालय प्रांगण की वाटिका में रोपित किया गया। इस अवसर पर भौतिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ दीपा खटीक, अपर्णा चाचौंदिया, सिन्धु संस्कार समिति के सुनील मनवानी, शंकर मोटवानी, अनिल जसवानी, निर्मल भोले, विशाल पंजवानी सहित महाविद्यालय का शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टॉफ बड़ी संख्या में छात्राओं के साथ उपस्थित रहा।

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