सोम डिस्टलरीज में बाल श्रमिक मिलने पर सीएम की कार्रवाई: जिला आबकारी अधिकारी सहित चार निलंबित
भोपाल। मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में सेहतगंज स्थित सोम डिस्टलरी में बच्चों से प्रबंधन द्वारा शराब की भरवाने का काम कराए जाने पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कड़ी नाराजगी जताई। सीएम के निर्देश पर प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैया लाल अतुलकर, आबकारी उप निरीक्षक प्रीति उइके, शेफाली शर्मा औ मुकेश श्रीवास्तव आबकारी को निलंबित कर दिया गया है।कल शनिवार को राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की टीम ने यहां पहुंची थी और 59 बाल श्रमिकों को काम करते हुए मिले थे। शराब कंपनी में काम करने से इन बच्चों के हाथों में छाले पड़ गए हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष की अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने जिला प्रशासन की कार्य प्रणाली पर जमकर सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि फैक्ट्री में पकड़े गए नाबालिग बच्चों को गायब कर दिया गया. जिला प्रशासन ने अंधेरा होने का इंतजार कर बच्चों को भगा दिया.
गायब कर दिए गए बच्चे
शराब फैक्ट्री में रेस्क्यू किए गए बच्चों को प्रशासन और शराब कंपनी के मालिक ने मिलकर गायब करा दिया है। यह आरोप बाल आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने लगाया है। शनिवार देर रात दिए बयान में कानूनगो ने कहा कि बच्चों को साढ़े तीन बजे रेस्क्यू किया गया और पुलिस को फैक्ट्री मालिक पर कार्रवाई के लिए आवेदन दिया, लेकिन साढ़े सात बजे तक कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। कानूनगो को रात में एफआईआर की कापी भी प्रशासन मुहैया नही करा पाया।
एसडीएम के समक्ष बच्चों के बयान होने थे, वो भी नहीं लिए गए। फैक्ट्री वालों ने मौजूदा प्रशासनिक अमले के साथ मिलकर बच्चो को गायब करा दिया। फिलहाल की स्थिति में बच्चे लापता है, वो कहां गए किसी को नहीं पता। अब बाद में यह कह दिया जाएगा कि वे सारे बच्चे तो बालिग थे। कानूनगो ने कहा कि अब इन लोगों पर भी एफआईआर दर्ज कराएंगे। जिन्होंने शराब फैक्ट्री मालिक से मिलकर बच्चों को गायब कराया है।