कोई गौवंश सडक पर विचरण न करें, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए : कलेक्टर
सागर। कोई गौवंश सड़क पर विचरण न करें, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी ग्राम पंचायतो में जागरूकता अभियान चलाएं, एवं विचरण करने वाले गौवंश पशुओं को गौशाला में ले जाएं। उक्त निर्देश कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने वर्षाकाल में कोई गौवंश सड़क पर विचरण न करें इसकी व्यवस्था के संबंध की बैठक में दिए।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर रुपेश उपाध्याय, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पी सी शर्मा ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, ,अनुविभागीय अधिकारी, (राजस्व) समस्त जिला ,परियोजना निदेशक, एनएचएआई ,कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग ,कार्यपालन यंत्री, एन एच लोनिवि , महाप्रबंधक, एमपीआरडीसी सागर ,महाप्रबंधक, प्रधानमंत्री ग्रामीण संडक सागर
,कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ,परियोजना अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण सागर ,मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत समस्त उपसंचालक पशु विभाग सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
वर्षाकाल में कोई गौवंश सड़क पर विचरण न करें, इसकी व्यवस्था के संबंध में बैठक में कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के मालथौन से तीतर पानी टोल नाका तक के बांदरी, मैहर, राजवांस, बिजोरा, बेरखेड़ी गुरु, मीरखेड़ी, राहतगढ़, बेरखेड़ी सड़क, मेनपानी, तालचीरी, ढाना,बरोदा रहली सहित अन्य ग्रामों जहां गोवंश रहता है वहां 30 × 50 के चबूतरे बनाए एवं ग्राम वासियों की मदद से गौवंश को प्लेट फार्म तक ले जाए।
कलेक्टर श्री आर्य ने कहा कि
ऐसी चिन्हित भूमि को आवश्कतानुसार अतिक्रमण मुक्त कर शासकीय/अशासकीय गौशाला/गौवंश चराई हेतु आरक्षित किया जाए।
राजमार्गो पर दुर्घटना में घायल गौवंश को प्राथमिक उपचार एवं राजमार्गो से निराश्रित गौवंश को निकटतम गौशाला तक पहुंचाना,
राजमार्गो पर दुर्घटना में घायल गौवंश को प्राथमिक उपचार हेतु पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा संचालित चलित पशुचिकित्सा इकाई (टोल फ्री कॉल सेन्टर नम्बर 1962) का उपयोग किया जाए। प्राथमिक उपचार उपरांत चलित पशु चिकित्सा इकाई अमले द्वारा राजमार्ग टोल संचालक अथवा स्थानीय निकाय की सहायता से यथासंभव हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल/अन्य योग्य वाहन से निकटतम चिन्हित गौशाला पहुंचाया जाए। आवश्यकता होने पर इस कार्य हेतु स्थानीय निकाय के माध्यम से योग्य वाहन किराए पर लिया जा सकता है तथा जिसका भुगतान संबंधित जिले की जिला रोगी पशु कल्याण समिति निधि से भी किया जा सकेगा।
राजमार्गो से निराश्रित गौवंश को हटाकर टोल संचालक अथवा स्थानीय निकायों द्वारा यथासंभव हाइड्रोलिक कैटल लिफ्टिंग व्हीकल/अन्य योग्य वाहन से निकटतम चिन्हित गौशाला पहुंचाया जाए। इस हेतु राजमार्गो पर ठोस व्यवस्था की जाये। इस हेतु प्रतिदिवस की सुदृढ रिपोर्टिंग एवं मॉनिटरिंग व्यवस्था विकसित की जाये। जिलों से गुजरने वाले राजमार्गों के निकट वाली गौशालाओं की टोल नाकावार एवं स्थानीय निकायवार मैपिंग एवं उनकी क्षमता का आंकलन कर संबंधित स्थानीय निकायों को उपरोकतानुसार कार्यवाही हेतु उपलब्ध कराई जाए।
,राजमार्गो के आसपास के गांवों में मुनादी करवाई जाये कि समस्त पशुपालक अपने गौवंश अपने घरों में बांध कर रखे। राजमार्गो पर विचरण करने वाले गौवंश को निकटस्थ गौशाला/कांजी हाउस में भेजा जायेगा। गौशाला/कांजी हाउस में भेजे गये गौवंश को मुक्त करने हेतु स्थानीय निकायो के नियमानुसार शुल्क लेने पर ही छोडा जाएगा। वर्षाकाल में कोई भी गौवंश सड़क पर विचरण न करें, इस हेतु सम्पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने के संबंध में अन्य आवश्यक कार्यवाही भी अपने स्तर पर सुनिश्चित करें।