पंचायती राज व्यवस्था से ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिला है- शिवशंकर जेना

केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के समाजशास्त्र विभाग में पंचायती राज दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन
पंचायती राज व्यवस्था से नेतृत्व, सामाजिक समरसता और देश प्रेम की भावना बढ़ी है- प्रोफेसर दिवाकर सिंह राजपूत
पंचायती राज व्यवस्था से ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिला है- शिवशंकर जेना

सागर। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर दिवाकर सिंह राजपूत की अध्यक्षता में संपन्न संगोष्ठी का आयोजन “समीक्षा” कार्यक्रम के अन्तर्गत किया गया.
कार्यक्रम में विभागीय शिक्षक डॉक्टर शिवशंकर जेना ने पंचायती राज व्यवस्था के इतिहास एवं विकास पर चर्चा की. डॉक्टर जेना ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तीकरण और सामाजिक आर्थिक विकास की गति तेज हुई है.
अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर दिवाकर सिंह राजपूत ने कहा कि भारत में पंचायती राज व्यवस्था का वर्तमान स्वरूप सत्ता के विकेंद्रीकरण और देश के विकास में सामाजिक सहभागिता को दर्शाता है. स्थानीय नेतृत्व और विकास के लिए अपनी-अपनी भूमिका का निर्वाह करने के साथ व्यक्तित्व विकास, सामाजिक सौहार्द के साथ ही देश प्रेम और राष्ट्रीय विकास की भावना सबल होती.
अकादमिक चर्चा में डॉ कालीनाथ झा, उषा राणा, प्रियंका यादव, अमरमणि त्रिपाठी, अनुराधा शुक्ला, नेहा मालवीय, शाहरुख, प्रिया गर्ग, अर्पित, पूनम, सौरभ आदि ने विचार रखे. सौरभ असाटी ने आभार व्यक्त किया.

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