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नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म़ करने वाले आरोपीगण को 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म़ करने वाले आरोपीगण को 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड सागर । नाबालिग के साथ सामूहिक ...

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नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म़ करने वाले आरोपीगण को 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

सागर । नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपी लखन को पॉक्सों एक्ट की धारा- 5(एल)/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-5(जी)/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड तथा आरोपी बलराम उर्फ मोन्ट को धारा-5(जी)/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया । मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।

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घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 23.06.2022 को थाना में पीड़िता के आवेदन आधार पर से अभियुक्त लखन के विरूद्ध धारा- 5/6 का अपराध पंजीवद्ध किया गया था विवेचना के दौरान बालिका तथा अन्य साक्षीगण के कथन लेख किये गये तथा घटना स्थल का नक्षा मौका तैयार किया गया। पीड़िता की सहमति प्राप्त कर उसका मेडीकल परीक्षण कराया गया तथा पीड़िता के 164 दप्रस के कथन कराये गये जिसमे उसने अभियुक्त लखन तथा बलराम उर्फ मोन्टू द्वारा उसके साथ गलत काम करना बताये जाने के आधार पर प्रकरण में धारा- 376(डी) का इजाफा किया गया । विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना- द्वारा धारा 376(2)(एन) भा.दं.सं. एव धारा 5एल/6 लैंगिक अपराधो से बालको ं का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी कोदोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।

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